छत्तीसगढ़

मनरेगा के डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को काम नही होने का हवाला देकर नौकरी से निकाला

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में लोगो के रोजगार जरिया मनरेगा अब खुद ही आर्थिक संकट से जुझ रहा है। विभाग की आर्थिक तंगी का असर वहां काम करने वाले कर्मचारियों पर दिखने लगा है, विभाग ने सालों से काम कर रहे अस्थाई कर्मचारियों को हटाने का फैसला लिया है।

बता दें कि देवभोग मनरेगा कार्यालय से 15 अस्थाई डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को निकाल दिया गया है। पूरे जिले की बात की जाये तो 50 से अधिक अस्थाई डाटा एंट्री ऑपरेटर्स को काम नही होने का हवाला देकर नौकरी से निकाला गया है। जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे है।

गौरतलब है कि नौकरी से निकाले गये युवाओं के सामने एक बार फिर रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। ये युवा 10 साल से विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे। और अब इन्हें अचानक निकाल दिया गया है। जिले में मनरेगा कार्यो की बात की जाये तो फिलहाल मनरेगा के काम बिल्कुल ठप पड़े है। इक्का दुक्का पंचायतों को छोड़ दिया जाये तो अधिकांश पंचायतों में फिलहाल मनरेगा का कोई काम संचालित नही हो रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button