2024 तक बने रह सकतें हैं सौरव बीसीसीआई के अध्यक्ष, सिफारिशों में बदलाव किया गया मंजूर
बीसीसीआई की एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) रविवार को मुंबई में हुई। इसमें लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों में बदलाव को मंजूरी दे दी गई है। यह फैसला इसलिए लिया गया, ताकि उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों के कार्यकाल को बढ़ाया जा सके।
अब प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट को भेजा जाएगा और अगर इसे मंजूरी दी जाती है तो बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। गौरतलब है कि सौरव को अक्टूबर में अध्यक्ष चुना गया था और उनका 9 महीने का कार्यकाल अगले साल जुलाई में खत्म हो रहा है।
प्रस्ताव को मंजूरी के बाद उनका कार्यकाल 2024 तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं, बीसीसीआई के सचिव जय शाह आईसीसी चीफ एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में बोर्ड का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकृत संविधान के अनुसार अगर कोई पदाधिकारी बीसीसीआई या राज्य संघ में तीन साल के दो कार्यकाल पूरा कर लेता है तो उसे तीन साल का अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) लेना होगा।
सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट बोर्ड (सीएबी) के 5 साल 3 महीने तक अध्यक्ष रह चुके हैं। अक्टूबर में उन्हें बीसीसीआई का नया अध्यक्ष चुना गया। इस लिहाज से उनके पास 9 महीने का कार्यकाल ही बचा था।
गौरतलब है कि इससे पहले जब बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरुण धूमल से बात की गई थी, तब उन्होंने कहा था कि बोर्ड की आगामी वार्षिक आम बैठक (AGM) में पदाधिकारियों के 70 साल की उम्र सीमा को बदलने के बारे में विचार नहीं किया जाएगा, लेकिन कूलिंग आफ (दो कार्यकाल के बाद विश्राम का समय) के नियम को बदलने पर विचार किया जाएगा, क्योंकि इससे अधिकारियों के अनुभव का सही फायदा होगा।
सौरव गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद पहली एजीएम के लिए जारी कार्यसूची में बोर्ड ने मौजूदा संविधान में महत्वपूर्ण बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है। एजीएम में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों में सुधार कर कूलिंग ऑफ पीरियड खत्म करने पर चर्चा हुई। पदाधिकारी चाहते हैं कि यह ब्रेक बोर्ड और राज्य संघ में दो कार्यकाल अलग-अलग पूरे करने पर हो। आपको बता दें कि कूलिंग ऑफ पीरियड पर क्या फैसला हुआ अभी यह पता नहीं चल पाया है।