राजकीय शिक्षक सम्मान प्राप्त लोक कलाकार मिथलेश साहू का निधन
गरियाबंद -छत्तीसगढ़ अंचल के सुप्रसिद्ध गायक मिथलेश साहू का 60 वर्ष की आयु में सोमवार को निधन हो गया के वे कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
राजकीय शिक्षक सम्मान प्राप्त लोक कलाकार मिथलेश साहू का छत्तीसगढ़ के लोक गायन में बड़ा अमूल्य योगदान रहा श्री साहू छत्तीसगढ़ी लोक कला मंच में एक मीठी आवाज के साथ गायन एवं अभिनय से सबका मन मोह लेने में महारत हासिल व्यक्तित्व के धनी थे मिथलेश साहु ।
उन्होंने बचपन की छोटी उम्र से लोक कला को अपने में अंदर समेटे हुए थे अपने अभिनय एवं गायन प्रतिभा का लोहा मनवा चुके श्री साहु का नाम छत्तीसगढ़ के साथ – साथ अन्य प्रांतो में भी प्रसिद्ध है।
लोक कला को अपने जीवन का महत्वपूर्ण अंग बनाकर पूरे जीवन समर्पित भाव से कार्य करते रहे । स्व. साहू की कुकदा में प्राथमिक शिक्षा व आगे की शिक्षा पाण्डुका में हुई 11वीं बोर्ड का एग्जाम गरियाबंद में दिए । रायपुर के दुर्गा कॉलेज से सन् 1977 में बी . ए . की पढ़ाई की। पिताजी पूर्व विधायक स्व. जीवन लाल साहू जी लोक कला के क्षेत्र में शुरू से जुड़े रहे । जिसकी प्रेरणा से छत्तीशगढ़ी गायन एवं अभिनय में कदम रखा पहली बार सोनहा विहान में जुड़कर काम करने लगे।
सन् 1978 में पहली बार रेडियो में ममता चन्द्राकर के साथ कार्यक्रम रिकॉर्ड किया गया। दूरदर्शन में प्रसारण के लिए दो बार रिकॉर्ड करने दिल्ली जाने का इन्हें सुनहरा अवसर मिला मिथलेश साहू 2000 कार्यक्रम में प्रस्तुति दे चुके है।
छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध लोक गायक मिथलेश साहू ने मया देदे मया लेले , परदेसी के मया , तोर मया के मारे , कारी जैसी बहुत सारी फिल्मों में पार्श्व गायन किया है । आजा ना गोरी अब झन तरसा , फूल झरे हांसी , जैसे कालजई गीतों को उन्होंने अपनी आवाज़ दी है । छत्तीसगढ़ के लोक गायन में मिथिलेश जी का बड़ा अमूल्य योगदान रहा।
उनका अंतिम संस्कार उनके गृह ग्राम में मंगलवार को किया जाएगा। मिथलेश साहू के निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू सांसद चुन्नीलाल साहू विधयाक अमितेश शुक्ल पूर्व सांसद चन्दूलाल साहू पूर्व विधयाक सन्तोष उपाध्यय ने श्रधांजलि दी है