घुटनों और जोड़ों के दर्द से हैं परेशान, तो रोजाना करें ये तीन काम, तुरंत मिलेगा आराम… |

Yoga Tips: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग समय से पहले ही कई तरह की बीमारियों से घिरने लगे हैं। वहीँ उम्र बढ़ने के साथ ही कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। उम्र संबंधित बीमारियों में घुटनों में दर्द, जोड़ों व कमर में दर्द और मांसपेशियों में समस्याएं प्रमुख हैं। वहीं उम्र के साथ हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं, इस कारण जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है। बुजुर्गों को चलने फिरने में तकलीफ रहती है और रोजमर्रा के कामकाज में मुश्किल हो जाती है।
Yoga Tips: हालांकि बुजुर्ग शरीर दर्द और अन्य शारीरिक समस्याओं से निजात पाने के लिए दवाओं का सेवन करते हैं। लेकिन दवाएं हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत नहीं कर सकतीं, बल्कि दर्द को कुछ समय के लिए कम कर सकती हैं। रोजाना योगाभ्यास से हड्डियों में मजबूती आती है और जोड़ों का दर्द भी कम हो सकता है। ऐसे में बुजुर्गों के लिए कुछ असरदार योगासन हैं, जिनके अभ्यास से उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारियों से निजात पाया जा सकता है। यहां बुजुर्गों के लिए कारगर योगासनों के बारे में बताया जा रहा है
प्राणायाम
Yoga Tips: प्राणायाम के नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी सीधी होती है और पीठ दर्द में आराम मिलता है। प्राणायाम जोड़ों के दर्द से भी राहत दिलाने में मदद करता है।
Yoga Tips: प्राणायाम करने के लिए मैट पर आलती-पालथी मारकर बैठ जाएं। आंखों को बंद करके मन शांत रखें और दाएं अंगूठे से दाई नाक को दबाएं और बाई नाक से अंदर की ओर श्वास खींचें। अनामिका उंगली से बाईं नाक के नथुने को दबाकर दाई नाक से श्वास छोड़ें। इस प्रक्रिया दूसरी ओर से दोहराएं। कुछ देर ये आसन करें।
ताड़ासन
Yoga Tips: ताड़ासन के अभ्यास से जांघों, एड़ियों और हाथों में मजबूती आती है। पाचन तंत्र बेहतर होता है और शरीर के स्ट्रक्चर में सुधार होता है। ताड़ासन करने के लिए सीधे खड़े होकर रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। दोनों पैरों के बीच गैप रखते हुए गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर की ओर ले जाएं और हथेलियों को जोड़ें। पूरे शरीर को ऊपर की ओर उठाते हुए 15 सेकंड तक इसी अवस्था में रहें। फिर सामान्य अवस्था में लौटकर श्वास की गति पर ध्यान दें। अब हाथों को नीचे की ओर ले जाकर सांस छोड़ दें। 10-15 बार इस आसन को दोहराएं।
भुजंगासन
Yoga Tips: इस योग के अभ्यास से पेट के अंगों को उत्तेजित करके कब्ज से लड़ने में मदद मिलती है। पीठ और पैर मजबूत होते हैं। हृदय और फेफड़ों की सेहत बेहतर बनती है। लचीलेपन को बढ़ावा देने और बुजुर्गों को होने वाली कई तरह की दिक्कतों को कम करने में इस योग के अभ्यास असरदार है।




