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ऐसे होते हैं आत्महत्या करने से पहले किसी व्यक्ति के शुरुआती लक्षण, जान लीजिये यह

सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर ने सभी लोगों को हैरान कर दिया।कहा जा रहा है कि सुशांत लम्बे समय से डिप्रेशन में थे और कुछ आर्थिक कारणों के चलते भी वे काफी परेशान रहने लगे थे. ऐसे में सभी के मन में यही सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसा कौन-सा गम था जिससे सुशांत बाहर नहीं निकल पाए और उन्होंने इतना बड़ा कदम उठा लिया।

इन सभी बातों पर ध्यान दें, तो कहा जा सकता है कि ज्यादातर मामलों में किसी भी व्यक्ति को अचानक आत्महत्या का ख्याल नहीं आता बल्कि शुरुआत में उसे पैनिक अटैक पड़ने के अलावा गहरी निराशा होती है जिससे वह बाहर नहीं निकल पाता।

ऐसे में अगर आपके आसपास कोई दोस्त या ऐसे परिजन हैं जिन्हें पैनिक अटैक पड़ते हैं, तो आपको तुंरत उनकी मदद करने की जरुरत है क्योंकि यह आत्महत्या के विचार का अर्लट हो सकता है, जिसे वक्त रहते पहचाने जाने की जरुरत है।

क्या है पैनिक अटैक
पैनिक अटैक चिंता और डर की अचानक शुरुआत है। पैनिक अटैक आमतौर पर अचानक होने वाली अवस्था है और जिन्हें पैनिक अटैक का अनुभव होता है, वे जानते हैं कि इनसे निपटना आसान नहीं है।

पैनिक अटैक के लक्षण क्या हैं?
आमतौर पर सीने में दर्द, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ और दुख का अनुभव होना, कभी-कभी दुख का ऐसा अनुभव होता है कि लगने लगता है कि जिंदगी अब खत्म होने वाली है। कहा जाता है कि यदि आप पैनिक अटैक से जुड़े 12 लक्षणों में से किसी चार का अनुभव करते हैं, तो आप पैनिक अटैक की चपेट में आ सकते हैं। इसके आमतौर पर 12 लक्षण हैं-

-पसीना आना
-घबराहट
-सिहरन
-सांस की तकलीफ
-दम घुटना
-मतली और पेट में दर्द
-चक्कर आना या हल्का-हल्का महसूस होना
-ठंड लगना
-स्तब्ध हो जाना या झुनझुनी सनसनी
-अस्वस्थता महसूस करना या खुद से अलग महसूस करना
-नियंत्रण खोने का डर
-मरने का डर

पैनिक अटैक के समय इन बातों का रखें ध्यान
गहरी, धीमी सांसें लेनेे से आपकी हृदय गति भी कम हो जाएगी।
घबराहट के दौरान सबसे अच्छा उपकरण धीमी श्वास है।
पैनिक अटैक से जुड़े नकारात्मक विचारों को छोड़कर उन बातों को याद करें, जो आपको खुशी देती हैं।

मदद मांगने में कोई बुराई नहीं
जिन्हें पैनिक अटैक की वजह से जीवन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें यह समझना चाहिए कि अपने दोस्तों या विश्वासपात्र लोगों से मदद मांगने में कोई बुराई नहीं है। हेल्प थेरेपी आपको पैनिक अटैक से बचाने में कारगर हो सकती है। विशेषज्ञ की मदद भी ली जा सकती है, वो आपको बताएगा कि चिंता को कैसे दूर किया जाए। अध्ययनों में चिकित्सा के ऐसे रूप पाए गए हैं, जो लोगों की फीलिंग जानकर उन्हें उस हिसाब से ट्रीटमेंट देते हैं क्योंकि हम सभी का व्यक्तित्व अलग है। पैनिक अटैक को नियंत्रित करने में मदद के लिए दवा का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि आप केवल चिकित्सक के परामर्श से दवाएं लें। यह लेख जानकारियों पर आधारित है। डिप्रेशन या किसी भी स्थिति में चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। यह जानकारी सिर्फ सूचनाओं के आधार पर प्रकाशित है।

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