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Mumbai Terror Attack के 11 साल, दहल उठी थी आज ही के दिन मुंबई

आज ही के दिन 11 साल पहले 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और आतंकी गोलीबारी से दहला दिया था। इस हमले को 10 साल हो गए है लेकिन यह भारत के इतिहास का वो काला इतिहास है जिसे भुलाया नहीं जा सकता। इस हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

स्थानीय मराठी बोलने वाले मछुआरों को इन लोगों की भागदौड़ देखकर शक भी हुआ साथ ही उन्होंने पुलिस को जानकारी भी दी लेकिन क्षेत्र की पुलिस ने इस पर कोई ख़ास नोटिस नहीं ली और न ही आगे उच्चाधिकारियों या खुफिया बलों को जानकारी दी।

बताया जाता है कि सभी आतंकवादी दो-दो के ग्रुप में बंट गए और अपनी-अपनी निर्धारित दिशा की ओर चले गए। दो आतंकियों ने दक्षिणी मुंबई के कोलाबा में स्थित लियोपोल्ड कैफे को निशाना बनाया तो दो आतंकियों ने नरीमन हाउस और बाकि आतंकी दो-दो की टोली में छत्रपति शिवाजी टरमिनस, होटल ट्राइडेंट ओबरॉय और ताज होटल की तरफ चले गए।

बता दें कि 23 नवंंबर को ये आतंकी कराची से एक बोट से रवाना हुए थे। समुद्र में उन्‍होंने एक भारतीय नाव पर कब्‍जा कर उसके चार साथियों को मार दिया। मुंबई तट के करीब पहुंचने पर उन्‍होंने नाव में मौजूद अंतिम बचेभारतीय को भी मार दिया था। मुंबई पहुंचकर ये सभी आतंकी छह अलग-अलग टुकड़ों में बंट गए।

सिर्फ एक ही मकसद था ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को मारना लिहाजा इन्‍होंने रात करीब 9.21 बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में मौजूद लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले को अजमल कसाब और स्‍माइल खान नाम के आतंकी ने अंजाम दिया था। इस जगह पहली बार कसाब की इमेज सीसीटीवी में कैद हुई थी। फुटेज में उसके हाथों में एके 47 नजर आ रही थी और वो लगातार लोगों को निशाना बना रहा था।

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर मुंबई एंटी टेरेरिस्ट स्कवायड के हेमंत करकरे, विजय सालस्कर और अशोक काम्टे ने कमान संभाल ली और दोनो आतंकी अजमल कसाब और इस्माइल खान की तलाश में निकल पड़े। दोनो आतंकियों ने एंटी टेरेरिस्ट स्कवायड की टीम को देख फायरिंग शुरू कर दी थी, दोनो तरफ से अंधाधुंध फायरिंग हुई जिसमें हेमंत करकरे, विजय सालस्कर और अशोक काम्टे शहीद हो गए। गौरतलब है कि ताज होटल में करीब 6 बम धमाके किए गए इनमें से एक लॉबी में, दो एलिवेटर्स पर, तीन रेस्टोरेंट में और एक ओबरॉय ट्राइडेंट में धमाके किये गए थे। इस ऑपरेशन में कुल 9 आतंकवादियों को मार गिराया गया और अजमल कसाब नाम के एक आतंकी को जिंदा पकड़ने में कामयाबी मिली थी।

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