छत्तीसगढ़

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की झीरम आयोग के खिलाफ याचिका को किया खारिज

झीरम आयोग के खिलाफ दायर राज्य सरकार की चुनौती याचिका पर कल हाईकोर्ट जस्टिस पी सेम कोशी के सिंगल बेंच से फैसला आ गया है। फैसले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज करते हुए कल सरकार दूसरा बड़ा झटका दिया है।

बता दें कि हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार के प्रमोशन पर आरक्षण के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन के निर्णय पर रोक लगाते हुए पहला झटका दिया था।

गौरतलब है कि झीरम घाटी हमले में मारे गए कांग्रेसी नेता, पुलिस जवान के मामले में राज्य शासन ने न्यायिक आयोग का गठन किया था। मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत अग्रवाल की अध्यक्षता में चल रही थी। आयोग की अंतिम सुनवाई 11 अक्टूबर 2019 को हुई। शासन के तरफ से पी. सुंदरराज की गवाही हुई।

आयोग ने राज्य शासन के तरफ से आए आवेदन जिसमें कांग्रेस के दिवंगत नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा, बेटी तुलिका कर्मा, डॉ. चुलेश्वर चंद्राकर, हर्षद मेहता व सुरेंद्र शर्मा के गवाही के लिए आवेदन दिया था को निरस्त कर दिया।

राज्य शासन के तरफ से गुरिल्लावार स्कूल नक्सली वार फेयर के अधिकारी बीके पोनवार को टेक्निकल एक्सपर्ट के रूप में बुलाए जाने के आवेदन और मौखिक तर्क रखे जाने के आवेदन को भी निरस्त कर दिया था। आपको बता दें कि राज्य शासन ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दिया है।

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