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साल का तीसरा चंद्रग्रहण आज, गलती से भी न करें यह काम

साल का तीसरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई 2020 को लगने वाला है. बता दें यह 30 दिन के अंदर तीसरा ग्रहण है. दरअसल, इससे पहले 5 जून को भारत में चंद्र ग्रहण और फिर 21 जून को सूर्य ग्रहण देखा गया था. इसके बाद अब 5 जुलाई यानी कि आषाढ़ पूर्णिमा पर साल का तीसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है।

आपको बता दें, 5 जुलाई को देशभर में गुरु पूर्णिमाभी मनाई जाएगी. हालांकि, हर साल की तरह इस साल गुरु पूर्णिमा के मौके पर किसी तरह के सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा. कोविड-19 के चलते लोग अपने घरों में ही गुरु पूर्णिमा मनाएंगे.

चंद्र ग्रहण का समय

साल का तीसरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई को सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर लगेगा और सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगा. यह ग्रहण सुबह 9 बजकर 59 मिनट पर अपने सबसे अधिक प्रभाव में होगा. हालांकि, सूर्योदय हो जाने के कारण इस बार यह ग्रहण भारत के लोग नहीं देख पाएंगे.

इन बातों का रखें ध्यान :

  1. सूर्य ग्रहण की तरह आपको चंद्र ग्रहण देखने के लिए किसी भी तरह के चश्मे की आवश्यकता नहीं है. आप चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से आसानी से देख सकते हैं. हालांकि, 5 जुलाई को लगने वाला ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है और साथ ही यह भारत में दिखाई नहीं देगा.
  2. आप चाहें तो अपने घर की छत, बालकनी या फिर खुले मैदान में जाकर चांद का दीदार कर सकते हैं.
  3. हालांकि, ऐसी भी मान्यताएं हैं कि ग्रहण के वक्त खुले आकाश में ना निकलें, खासकर प्रेग्नेंट महिलाएं, बुजुर्ग, रोगी और बच्चे. ग्रहण से पहले या बाद में ही खाना खाएं.
  4. वैज्ञानिक कारण से परे धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार ग्रहण का विशेष महत्‍व रहता है. इस वजह से देश में ग्रहण काल को अशुभ माना जाता है. सूतक की वजह से इस दौरान कोई भी धार्मिक या फिर शुभ कार्य नहीं किया जाता. हालांकि, धार्मिक मान्‍यताओं में विश्‍वास रखने वाले लोग ग्रहण के वक्‍त शिव चालिसा का पाठ कर सकते हैं.
  5. ग्रहण खत्‍म होने के बाद नहाकर गंगा जल से घर का शुद्धिकरण किया जाता है और फिर पूजा-पाठ कर कई लोग दान-दक्षिणा भी देते हैं. हालांकि, शास्त्रों में उपछाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण ही नहीं माना जाता है. इसलिए इस ग्रहण में कोई सूतक काल नहीं लगता.

चंद्र ग्रहण से जुड़े इन बातों पर ना करें भरोसा

  1. कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान खाना नहीं खाना चाहिए लेकिन यह एक सदियों पुराना मिथक है और इसके पीछे कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
  2. आमतौर पर माना जाता है कि ग्रहण गर्भवती महिलाओं और उनके भ्रूण को प्रभावित कर सकता है. ऐसा माना जाता है कि इस ग्रहण के कारण जोड़ों और उंगलियों में दर्द हो सकता है. यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं हुआ है लेकिन फिर भी लोग अभी भी बाहर जाने से बचते हैं और इन मिथकों में विश्वास करते हैं.

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