रायगढ़/ आपने राह चलते कई ऐसे कुत्ते देखे होंगे जो किसी न किसी त्वचा रोग से संक्रमित रहते हैं व अपने बदन को नोचते फिरते रहते हैं इन संक्रमित कुत्तों की मदद के लोग सामने आने से कतराते हैं व खुजली से संक्रमित कोई कुत्ता राह चलते दिख पड़े तो लोग अपना रास्ता बदल लेते हैं क्यूंकि लोग डरते हैं कि कहीं वो संक्रमित कुत्तों के संपर्क में आकर स्वयं बीमार ना हो जाए लेकिन इन सब बातो को दरकिनार करते हुए कायाघट बाबा बूटी एसईसीएल क्षेत्र की शहर की चार युवतियां सोनिया बर्मन, सोनल गर्ग, खुशी जोल्हे, नेहा जोल्हे ने बेजुबानों की मदद करने का बीड़ा अपने कंधो में उठा लिया।
युवतियों ने चिकित्सक से सलाह मशवरा लेने बाद व डॉक्टर के परामर्श अनुसार रायगढ़ की संवेदन शील चारों युवतियों ने रोटी में दवा को मिलाकर संक्रमित कुत्तों को देने का फैसला किया तथा घर में युवतियों ने पहले 90 नग रोटियां बनाई जिसमें प्रत्येक रोटी में चिकित्सक के बताए अनुसार दवाई की मात्रा मिलाई और शहर की चारों संवेदन शील युवतियां निकल पड़ी अपने नेक कार्य को अंजाम देने के लिए शहर के सड़को में इस दौरान उन्होंने मरीन ड्राइव,केलो विहार, टीवी टॉवर, गौशाला रोड, कलेक्ट्रेट, ढिमरापुर रोड में 60 से अधिक कुत्तों को 90 नग रोटियां खिलाई जिसमें कुत्तों को खुजली से निजात दिलाने वाली दवा मिली हुई थी।
युवतियों का कहना हैं कि इस नेक कार्य को अंजाम देने बाद उन्हें बेहद खुशी हो रही है व उनके द्वारा किया गया यह कार्य अभी शुरुआत हैं व खुजलाते हुए कुत्तों को दवा का केवल पहला डोज दिया गया युवतियों ने कहा कि वह चिकित्सक के परामर्श अनुसार हर सफ्ताह यह नेक कार्य करेंगी व बेजुबान खुजली संक्रमित कुत्तों को तकलीफ़ से छुटकारा दिलाने का प्रयत्न करेंगी।
आज के कार्य को अंजाम देने वाली युवतियों में से सोनिया बर्मन ने बताया कि वो करीब पिछले 15 साल से पालतू कुत्ता रखीं हैं जिसके दौरान उन्हें उनका पूरा बचपन पालतू कुत्तों के साथ खेलते हुए बढ़ा हैं जिसके कारण वो भावनात्मक रूप से बेजुबानों से जुड़ी हुई हैं जिसके कारण उन्होंने सोचा कि सामने आकर आवारा बेजुबान कुत्तों कि सहायता करनी चाहिए जिससे बेजुबान कुत्ते दर्द व तकलीफ़ से बाहर निकलकर आम जीवन जी सकें।
Source – whatsapp forwarded contents.