धुप से होतें है शरीर को अनगिनत फायदे, यहां जानिए सूर्य की रोशनी के फायदे
विटामिन डी पाने के लिए सूर्य की रोशनी सबसे आसान स्त्रोत है। यह ऑक्सीजन की तरह जीवन के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हां, मगर आपको विटामिन डी प्राप्त करने के लिए अपनी स्किन को बर्न करने की ज़रूरत नहीं है। लंबे समय तक धूप सेंकना सनबर्न (sun burn), स्किन एजिंग (skin aging) और यहां तक कि त्वचा के कैंसर (skin cancer) का कारण बन सकता है। ज्यादातर लोग घर के अंदर रहकर सूर्य के प्रकाश से बचकर रहते हैं। लेकिन सूर्य के प्रकाश से पूरी तरह से दूरी कई फायदों से दूर कर देता है। इसलिए सीमित समय के लिए सूर्य के प्रकाश में रहने से नुकसान नहीं बल्कि फायदा मिलता है।
धूप के फायदे:
बढ़ती है इम्यूनिटी:
सूरज की रोशनी प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को मजबूत बनाती है। सूर्योदय के प्रकाश का स्पर्श शरीर में होने पर शरीर विटामिन डी से टी कोशिकाओं (T cells) के उचित कामकाज का समर्थन करता है जोकि प्रतिरक्षा सुरक्षा में योगदान करती है। विटामिन डी की कमी संक्रमण की बढ़ती संवेदनशीलता और बहुत से ऑटोइम्यून बीमारियों से जुड़ी हुई है। सूर्योदय की तपिश सुरक्षा प्रणाली को मजबूत कर इससे शरीर की रक्षा करती है।
मिलता है विटामिन डी:
विटामिन डी की कमी बच्चों के बीच सूखा रोग रिकेट्स (rickets) का कारण बनती है, वयस्कों में ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporesis) को बढ़ाती है और दर्दनाक अस्थि रोग (bone disease) ओस्टीयोमलेशिया (osteomalacia) का कारण बनती है। विटामिन डी शरीर में हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है। शरीर में उचित मात्रा में विटामिन डी मौजूद होने पर ही शरीर कैल्शियम का अवशोषण कर पाता है। इससे हड्डी की बीमारी, फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम कम हो जाता है।
ठीक होता है पाचन:
आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में पाचन का कार्य जठराग्नि करती है, जिसका मुख्य स्रोत सूर्य है। दोपहर (12 बजे के आसपास) में सूर्य की तपिश सबसे ज्यादा तेज होती है और उस समय जठराग्नि भी ज्यादा सक्रिय होती है। इसलिए कहा जाता है कि इस समय लिया गया भोजन अच्छी तरह से पचता है। जर्नल डायबिटीज में प्रकाशित एक 2014 का अध्ययन पाया गया कि पराबैंगनी (यूवी) किरण विटामिन डी के कारण मोटापे और चयापचय सिंड्रोम के लक्षणों को दबा देती है।
बचाव कैंसर से:
सूरज की किरणों में कैंसर से लड़ने वाले तत्व होते हैं। इससे कैंसर का खतरा टलता तो है ही, साथ ही जिन्हें कैंसर है उन्हें भी लाभ मिलता है। शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा से कोलन, किडनी और स्तन कैंसर का खतरा कम हो जाता है। सूर्य के प्रकाश का अभाव शरीर में विटामिन डी की कमी के लिए योगदान देता है जिससे कई कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
अच्छा है नींद के लिए:
सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से ऑप्टिक तंत्रिका मस्तिष्क में ग्रंथि को एक संदेश भेजती है जो कि मेलाटोनिन पैदा करता है (यह एक हार्मोन है जो नींद की शुरुआत से जुड़ा होता है)। सर्कैडियन (Circadian) लय 24 घंटे का एक चक्र होता है जो कि जैव रासायनिक, शारीरिक और व्यवहारिक प्रक्रियाओं को संतुलित करके नींद के चक्र को नियंत्रित करता है। सूर्य की रोशनी रात की बेहतर नींद के लिए सर्कैडियन लय (circadian rhythms) को नियमित करने में मदद करती है।
बनते हैं पॉजिटिव हॉर्मोन:
धूप के असर से अच्छा महसूस कराने वाले हॉर्मोन सेरेटॉनिन (Serotonin hormone) और एंडोर्फिन (Endorphin) का शरीर में पर्याप्त स्राव होता है, जोकि डिप्रेशन (depression, सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (Seasonal Affective Disorders), साइकॉलजिकल – इमोशनल हेल्थ (Psychological Emotional health) और बॉडी क्लॉक-रिद्म (body clock rhythm) के संतुलन में फायदेमंद है।
बचाएँ हृदय रोग के जोखिम से:
सूरज की गर्मी प्रवाह परिसंचरण (Flow circulation) में सुधार करती है और विटामिन डी के स्तर को बढ़ाती है। सर्दियों में विटामिन डी सप्लीमेंट उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। हाई ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक, दिल की विफलता, स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है।
कब और कितनी देर धूप के संपर्क में रहें:
सूर्य के प्रकाश से कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन इसका कम मात्रा में आनंद लें। धूप से उचित लाभ लेने के लिए सप्ताह में कम-से-कम 3-4 बार सुबह (सूर्योदय) या शाम (सूर्यास्त) के समय 20 से 30 मिनट गुनगुनी धूप में बैठना अच्छा माना जाता है। सुबह 10 बजे और 4 बजे के बीच के घंटों के दौरान सीधे सूर्य के प्रकाश से बचना चाहिए।
सावधानियां:
धूप में ज्यादा देर बैठना हो तो साथ में पानी लेकर बैठें। बीच में थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें।
सर्दियों में कई बार धूप में कम गर्मी हो तो ठंड लग सकती है। ऐसे में जुराब, टोपी आदि उतार कर धूप में बैठें ताकि पूरी धूप लग सके।
जो लोग सूर्य की किरणों या धूप के प्रति ज्यादा सेंसिटिव हैं वे धूप की तरफ मुंह की बजाय पीठ करके बैठ सकते हैं।
धूप में ज्यादा देर बैठने से त्वचा का रंग गहरा या काला हो जाने (sun tan) की समस्या हो सकती है। धूप के प्रति लोगों की संवेदनशीलता अलग-अलग होती है। जब जाड़ों की धूप त्वचा को परेशान करने लगे तो धूप से हटना ही सही विकल्प रहेगा।
धूप में ज्यादा देर तक बैठने से पिग्मेंटेशन, स्किन एलर्जी, स्किन कैंसर, एजिंग इफेक्ट, कालापन, डिहाइड्रेशन, आंखों की परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जितना जरूरी हो उतने ही देर धूप सकें।



