चाणक्य अनुसार युवा अवस्था में खुद से दूर रखें ये चीजें, कर सकती हैं आपका जीवन बरबाद – cgtop36.com

आचार्य चाणक्य के मुताबिक युवा अवस्था एक धन के समान है। जिस प्रकार धर्म में साधना का महत्व है, उसी तरह युवा अवस्था में हर इंसान को ज्ञान और संस्कार पाने के लिए शरीर को तपाना पड़ता है। जब जाकर इंसान के व्यक्तित्व में निखार आता है। चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को भविष्य में अच्छे जीवन के लिए युवावस्था में ही तपना पड़ता है। ऐसे में हर युवा को युवावस्था में सजग और सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि इस उम्र में थोड़ी लापरवाही भी भविष्य में भारी पड़ती है। इसलिए युवावस्था में हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
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युवा अवस्था में संगत का सीधा असर इंसान के जीवन पर पड़ता है। ऐसे में चाणक्य ने कहा है कि दोस्ती करते वक्त बहुत सावधान रहना चाहिए। अच्छे लोगों से संगति करने पर जीवन को नई दिशा मिलती है। जबकि गलत संगत में आने पर इंसान भविष्य अंधकारमय हो जाता है।
इस उम्र यदि गलत आदतें गले पड़ जाती हैं तो इससे छुटकारा पाना बहुत मुश्किल होता है। युवावस्था नशे की लत लग सकती है। नशे की लत खुद के जीवन को बर्बाद करने के साथ साथ आसपास के आसपास के लोगों पर भी असर डालता है। इसलिए इस उम्र में नशे से दूर रहना चाहिए।



