छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा 2017 से 2020 के बीच महापुरुषों फ़ोटोग्राफ़ प्रिंटिंग कर निगम डिपो में वितरित करने के लिए 4 करोड़ 80 लाख का ठेका अयोग्य और दाग़ी फ़र्मों को देने का आरोप लगाया है। युवा कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने आरोप लगाया है कि है कि पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी की सांठगांठ होने के कारण टेक्नो प्रिंटर एवं शारदा आफ़सेट रायपुर को फ़ोटो कलर लैब सेट-अप न होने के बावजूद महापुरुषों के चित्र प्रिंट करने का करोड़ों का ठेका मिल गया। जबकि टेक्नो एवं इनकी ही फर्म प्रगति के ऊपर पुख़्ता दस्तावेजों के आधार पर यह टेंडर जारी होने के पहले 2016 से फ़र्ज़ी बिल नियम विरुद्ध कार्य एवं घोटाले की शिकायत पर महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी के दिशा निर्देश पर जांच चल रही थी। उसके बाद भी सारे नियम क़ानून को ताक पर रखकर दाग़ी फ़र्मों को महाप्रबंधक चतुर्वेदी द्वारा कार्य अबंटित कर शासन को चूना लगाया गया है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के युवा नेता विनोद तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज पाठ्य पुस्तक निगम की प्रबंध संचालक इफ्फत आरा को इस घोटाले की सप्रमाण लिखित शिकायत की गई है। प्रबंध संचालक इफ्फ्त आरा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कमिटी बनाकर तत्काल जाँच करा दोषियों पर कार्यवाही का भरोषा दिलाया है।
शिकायत में कहा गया है कि फ़ोटो कलर लैब सेट-अप नहीं होने के बावजूद महापुरुषों के चित्र प्रिंट करने का करोड़ों का ठेका टेक्नो प्रिंटर एवं शारदा आफ़सेट रायपुर को मिल गया। बड़ी बात ये है कि टेक्नो एवं इनकी ही फर्म प्रगति पर टेंडर जारी होने के पूर्व 2016 से फ़र्ज़ी बिल नियम विरुद्ध कार्य एवं घोटाले की शिकायत पर महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी के दिशा-निर्देश पर जांच की जा रही है इसके बाद भी सारे नियम-क़ानून को ताक पर रखकर दाग़ी फ़र्मों को कार्य आबंटित किया गया है।
बता दें कि छग पाठ्य पुस्तक निगम के द्वारा उपरोक्त कार्य के लिए वर्ष 2008 से 2018 के बीच फोटोग्राफ बनाने की निविदा प्रत्यक्ष से निकाली गई थी, जिसमें यह अनिवार्य शर्त थी कि निविदा भरने वाली फर्म में फोटो कलर लैब सेट-अप होना चाहिए. तिवारी का आरोप है कि वर्ष 2018 में निगम द्वारा फोटोग्राफ बनाने के लिए अलग से निविदा न निकालकर विविध मुद्रण की निविदा में ही फोटोग्राफ बनाने का समावेश किया. फोटोग्राफ बनाने की लिए निकाले गए आदेश स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि फोटोग्राफ फोटो पेपर पर बना कर देना होगा।
कांग्रेस नेता विनोद तिवारी का आरोप है कि इन दोनों फर्मो के पास फोटो कलर सेट-अप नहीं है. इसके बाद भी 240 रुपए प्रति फोटोग्राफ के मान से 4 वर्षों के लिए 4 करोड़ 80 लाख रुपए का कार्य आबंटित करके अनुचित फ़ायदा उठाकर शासन को राजस्व की हानि पहुंचाई गई. शिकायत पत्र में मामले की जांच कर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।




