लाइफस्टाइल

आयुर्वेद में रामबाण औषधि है पारिजात का पौधा, कई बीमारियों को दूर करता है ऐसे

डायबिटीज की समस्या में 10-30 मिली पारिजात के पत्ते का काढ़ा बना लें। इसका सेवन करें। इससे डायबिटीज रोग में लाभ होता

हरसिंगार का वृक्ष कई रोगों का इलाज भी कर सकता है। आयुर्वेद में इसके बारे में बताया गया है कि हरसिंगार का पौधा एक बहुत ही उत्तम औषधि है।

रूसी (डैंड्रफ हटाने) की समस्या में पारिजात के फायदे:

हरसिंगार के फायदे से रूसी को ठीक किया जा सकता है। पारिजात का बीज लें। इसका पेस्ट बना लें। इसे सिर पर लगाएं। इससे डैंड्रफ की परेशानी खत्म हो जाती है।

त्वचा रोग में हरसिंगार से लाभ:

पारिजात के पत्ते का काढ़ा एवं पेस्ट बना लें। इसका प्रयोग करने से दाद, खुजली, घाव, तथा कुष्ठ रोग आदि त्वचा विकारों में लाभ होता है।

महिलाओं के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक हरसिंगार:

हरसिंगार फीमेल -टॉनिक के रूप में कार्य करता है इसलिए इसका सेवन महिलाओं संबंधी विकारों को दूर करने में सहायक होता है।

लंबे व मज़बूत बालों के लिए हरसिंगार का उपयोग:

हरसिंगार के बीज का काढ़ा बनाकर बालों को धोये इससे डैंड्रफ दूर करने तथा बालों को झड़ने से रोकने में मदद मिलती है।

पारिजात का पेड़ सुखाता है घाव:

पारिजात के बीज का पेस्ट बनाएं। इसे सिर की त्वचा पर होने वाली फोड़े-फुन्सी या अन्य सामान्य घाव पर लगाएँ। इससे घाव ठीक हो जाता है।

रक्तस्राव (नाक-कान से खून बहना) में हरसिंगार के फायदे:

हरसिंगार की जड़ को मुंह में रखकर चबाएं। इससे नाक, कान, कंठ आदि से निकलने वाला खून बंद हो जाता है।

गले के रोग में पारिजात के फायदे:

जीभ के पास एक घंटी जैसा छोटा-सा मांस का टुकड़ा होता है, उसे गलशुण्डी बोलते हैं। इससे जुड़ी बीमारी के लिए हरसिंगार के पौधे की जड़ को चबाएं। इससे गलशुण्डी से जुड़े विकार ठीक होते हैं।

हरसिंगार का पेड़ करता है खांसी का इलाज:

खांसी के लिए आयुर्वेदिक दवा के रूप में 500 मिग्रा पारिजात की छाल का चूर्ण बनाएं। इसका सेवन करने से खांसी ठीक होती है।

बुखार उतारने के लिए पारिजात के पेड़ का प्रयोग:

पारिजात के पेड़ के पत्ते का काढ़ा बना लें। 10-30 मिली काढ़ा में अदरक का चूर्ण तथा मधु मिलाकर सेवन करें। इससे साधारण बुखार सहित बुखार की गंभीर स्थिति में भी लाभ होता है।

पेट के कीड़े की समस्या में हरसिंगार के फायदे:

हरसिंगार के पेड़ से ताजे पत्ते तोड़ लें। चीनी के साथ पारिजात के ताजे पत्ते का रस (5 मिली) सेवन करें। इससे पेट और आंतों में रहने वाले हानिकारक कीड़े खत्म हो जाते हैं।

बवासीर से राहत दिलाये पारिजात:

बवासीर की समस्या को दूर करने के लिए हरसिंगार के बीजों को पीसकर बवासीर में वाह्य रूप से प्रयोग किया जाता है और इनको अभयान्तर रूप से भी करते है।

हरसिंगार का पेड़ डायबिटीज में फायदेमंद:

डायबिटीज की समस्या में 10-30 मिली पारिजात के पत्ते का काढ़ा बना लें। इसका सेवन करें। इससे डायबिटीज रोग में लाभ होता है।

बार-बार पेशाब करने की समस्या में पारिजात से लाभ:

पारिजात के पेड़ के तने के पत्ते, जड़, और फूल का काढ़ा बनाएं। इसे 10-30 मिली मात्रा में सेवन करें। इससे बार-बार पेशाब करने की परेशानी खत्म होती है।

हरसिंगार का पेड़ पहुंचाता है गठिया में लाभ:

हरसिंगार के पत्ते को पीसकर, गुनगुना करके लेप बना लें। इससे जोड़ों के दर्द पर लेप करने से बहुत फायदा होता है।
पारिजात के पत्तों का काढ़ा बनाएं। इससे सेकने से भी जोड़ों का दर्द और गठिया आदि में लाभ होता है।

हरसिंगार अस्थि-भंग (टूटी-हड्डियों) में लाभप्रद:

हरसिंगार के तने की छाल को अर्जुन छाल के साथ वाह्य रूप से प्रयोग करने से अस्थि -भंग में फायदेमंद होता है। इसका उपयोग सालो से कई गांव में आज भी होता है।

तनाव दूर करने में हरसिंगार फायदेमंद:

आयुर्वेद के अनुसार तनाव का मुख्य कारण वात का प्रकोप बताया गया है, हरसिंगार में वात को शांत करने का गुण होता है। इसलिए ये तनाव को दूर करने में मदद करता है।

Related Articles

Back to top button