शनिदेव की पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां, करें इन मन्त्रों का जाप तो होंगे शनिदेव प्रसन्न
शनिदेव की पूजा को लेकर कई सारी परंपराएं रही हैं. यूं तो हमेशा से ही ये कहा जाता रहा है कि किसी भी भगवान को पूजने के लिए कोई दिन निश्चित नहीं होता, लेकिन शनिवार के दिन भगवान शनिदेव की खास पूजा की जाती है. कहते हैं कि भगवान शनिदेव ही हैं, जो व्यक्ति के हर कर्मों का हिसाब अपने पास रखते हैं. उसी कर्म के अनुसार वो लोगों को फल भी देते हैं।
भगवान को शनि को न्याय का देवता भी कहा जाता है. लेकिन इसके साथ ही ये भी कहा जाता है कि भगवान शनिदेव की पूजा अराधना करने से मनुष्य के सार कष्ट दूर हो जाते हैं, और भगवान उनसे प्रसन्न होते हैं. इसलिए जिन लोगों को अपने करियर, धन संबंधित या फिर परिवार से संबंधित कोई समस्या होती है, लोग उसे भगवान शनि की पूजा करने की सलाह देते हैं।
माना जाता है कि शनिवार के दिन भगवान शनिदेव की पूजा कुछ खास मंत्रों के उच्चारण से करनी चाहिए, इससे शनिदेव खुश होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. आज हम अपनी खबर के जरिए उन्हीं मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके साथ भागवान शनिदेव की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही पूजा करने की विधि भी बताएंगे.
इन मंत्रों का करें जाप
“ॐ शं शनैश्चराय नमः”,
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”,
“ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये सय्योंरभीस्रवन्तुनः.
शनि देव की पूजा
शनिदेव की उपासना करने से के लिए कई नियमों को मानना पड़ता है. जो जरूरी भी होता है. हिन्दु धर्म के मान्यताओं के अनुसार शनिवार के दिन रोज सुबह उठकर शिवजी की उपासना करनी चाहिए. इसके अलावा जिन लोगों के घर में आर्थिक संबंधित समस्याएं हैं, वो शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जाकर जल चढ़ाएं, इसके साथ ही उसमें सरसों को भी चढ़ाएं और एक दीपक जरूर जलाएं. इससे भगवान शनि प्रसन्न होते हैं।
भूलकर न करें ये गलतियां
शनि की पूजा उनकी मूर्ति के सामने बैठकर नहीं करना चाहिए. इसलिए नकी पूजा उसी स्थान पर करें जहां पर उनकी मूर्ति शिला के रूप में स्थापित हो. इसके साथ ही ध्यान रहे कि जब भी आप शनि की पूजा करें तो सरसों के तेल का ही दीपक जलाएं. क्योंकि ये तेल भगवान के लिए शुभ माना गया है. ऐसा करने से घर में शांति बनी रहती है, और कोई भी समस्या आने से पहले ही दूर हो जाती है।