लाइफस्टाइल

आपका बोलने का तरीका बताता है आपका स्वभाव, जानें बात करने के तरीके से स्वभाव ऐसे

बोलने का अंदाज शेर की तरह घुरराने के समान होता है। ऐसे लोग संयमी, विद्वान, ज्ञानी, गहन अध्ययन करने वाले, मनन तथा चिंतन करने वाले, गंभीर, सौम्य एवं धैर्यवान और उदार चरित्र के होते हैं

हर व्यक्ति के बोलने का तरीका एक-दूसरे से भिन्न भिन्न होता है। समुद्र शास्त्र और शारीरिक लक्षण विज्ञान के अंतर्गत मनुष्य के बोलने के तरीके पर गहन अध्ययन और शोध किया गया है। जिसके आधार पर इंसान के स्वभाव के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। तो यहां जानिए व्यक्ति के बोलने से उसके स्वभाव के बारे में –

कई लोगों के बोलने का अंदाज शेर की तरह घुरराने के समान होता है। ऐसे लोग संयमी, विद्वान, ज्ञानी, गहन अध्ययन करने वाले, मनन तथा चिंतन करने वाले, गंभीर, सौम्य एवं धैर्यवान और उदार चरित्र के होते हैं।

जो लोग ऊंचे स्वर में बोलते हैं वो दूसरों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते हैं। या वो हठ पूर्वक अपने अधूरे ज्ञान को दूसरों पर थोपना चाहते हैं। ऐसे लोग किसी दूसरे की बात सुनना पसंद नहीं करते हैं।

समुद्र शास्त्र के अनुसार कुछ लोग इतनी तेजी से बोलते हैं कि किसी को पता भी नहीं चलता कि ये बोल क्या रहे हैं। ऐसे जातकों में ना तो किसी बात को छिपाकर रखने की क्षमता होती है और ना ही उसमें किसी बात को स्पष्ट करने का साहस होता है। ऐसे जातक धोखेबाज हो सकते हैं।

सामान्य से कम स्वर वाली स्त्री में असत्य, निन्दा, भ्रम, कलह, आत्म प्रशंसा आदि दुर्गुण होते हैं। हंस, मयूर या कोयल के समान वाणी अगर किसी स्त्री की है तो वह सर्वगुण संपन्न मानी जाती है।

धीरे से बोलने वाले लोग अविकसित बुद्धि, अज्ञानी, संकुचित प्रवृति, धूर्त, कामचोर व असफल होते हैं।

गंभीर एवं संतुलित स्वर में बोलने वाले लोग मानव मस्तिक की ऊच्च प्रवृत्तियों के सूचक होते हैं। ऐसे लोग अपने परिवार के प्रति जिम्मेदार होते हैं। ये समाज सेवा के कार्यों में जुड़े रहते हैं। ये लोग हर काम को व्यवस्थित तरीके से करना पसंद करते हैं।

यदि किसी महिला की आवाज सामान्य से अधिक हो तो उसमें अहंकार, अनुशासन, नेतृत्व की क्षमता होती है ये महिलाएं प्रशासनिक विभाग में किसी ऊंचे पद पर काम करती हैं। परिवार पर भी इनका पूरा नियंत्रण रहता है।

सामान्य से कम स्वर वाली स्त्री में असत्य, निन्दा, भ्रम, कलह, आत्म प्रशंसा आदि दुर्गुण होते हैं। हंस, मयूर या कोयल के समान वाणी अगर किसी स्त्री की है तो वह सर्वगुण संपन्न मानी जाती है।

कुछ लोग जब बोलते हैं तो उनकी वाणी में कर्कशता एवं टूटापन होता है। ऐसे लोग झगड़लू, दुखी और लक्ष्यहीन होते हैं।

Related Articles

Back to top button