विशेष लेख – क्या पाकिस्तान कोरोना वैक्सीन को तक सुरक्षित रखने में अक्षम है आश्चर्य है
उनके सभी टीवी मे कोरोना के वैक्सीन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है । जबसे यूरोप से भारत से यह खबरें आई है कि यहां कोरोना वैक्सीन लगनी चालू हो रही है तो वहां के लोग इसी विषय को लेकर चर्चा की जा रही हैं । उनके मुताबिक वैकसीनेशन को लेकर पाकिस्तान की सरकार ने खूब विचार विमर्श किया फिर इस नतीजे पर पहुंचे कि यह मुल्क और सरकार वैक्सीन अवाम को देने मे अक्षम
आज पाकिस्तान पर कुछ बातें की जाए । मै अक्सर पाक टी वी और उनकी चर्चा को सुनता हू । आज उनके सभी टीवी मे कोरोना के वैक्सीन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है । जबसे यूरोप से भारत से यह खबरें आई है कि यहां कोरोना वैक्सीन लगनी चालू हो रही है तो वहां के लोग इसी विषय को लेकर चर्चा की जा रही हैं । उनके मुताबिक वैकसीनेशन को लेकर पाकिस्तान की सरकार ने खूब विचार विमर्श किया फिर इस नतीजे पर पहुंचे कि यह मुल्क और सरकार वैक्सीन अवाम को देने मे अक्षम हैं। इसलिए इमरान खान नियाजी के सरकार ने लोगों को सलाह दी है कि वो सोशल डिसटेंसिंग का पालन करे मास्क लगाये और सेनेटाइज का इस्तेमाल करे । इस नेक सलाह पर वहां की मीडिया काफी आगबबूला हो रही है । वहीं इस बात की सफाई दी जा रही है कि अगर वैक्सीन आ भी जाए तो इस देश मे उस वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए जिस तापमान की आवश्यकता पडती है वो सुविधा ही नहीं है। वहीं पाकिस्तान मे वैक्सीन न बना पाने का भी दुःख काफी झलक रहा था। उन्हे इस बात का अफसोस ज्यादा है कि जिस देश की गरीबी को लेकर वहां चर्चा की जातीं थी वो देश भारत ने सफलता पूर्वक अपने यहां दो जगह इस वैक्सीन का अनुसंधान कर लिया है। उन लोगो ने चर्चा में यह बात भी मानीं कि वहां ऐसे इंतजामात किये गये है कि गांवो में भी वैकसीनेशन हो पाएगा। कुल मिलाकर उनका यह कहना कि एक सौ तीस करोड़ की आबादी के लिए इस तरह के इंतजाम पर आश्चर्य लग रहा था। वहीं एक चैनल में यह चर्चा पर ज्यादा जोर था कि पाक मे बाइस करोड़ की आबादी वाले देश में बारह लाख के कोविड वैक्सीन किसको लगाया जाएगा। ऐसे मे वैक्सीन की कालाबाजारी की संभावनाएं बढ जाएगी। जिससे एक अलग किस्म का माहौल बन जाएगा। वहीं उनहोंने इस बात को स्वीकारा कि जो चार देश वैक्सीन बना रहे है उसमे सबसे ज्यादा वैक्सीन भारत के पास है और भविष्य में वो ही ज्यादा वैक्सीन बनाने की क्षमता रखता है। उनके एक पत्रकार ने यहां तक कहा कि यहां के नेता भारत से वैक्सीन मांगेंगे तो भारत मना नहीं करेगा । पर यहां के हुकमरान ऐसा नहीं करेंगे। दूसरी तरफ़ एक चर्चा में आईएमएफ से वैक्सीन के लिए लोन की भी बात की जा रही थी । पर उनकी यह आशंका कि पाकिस्तान इतने कर्ज में डूबा हुआ है और वापस नहीं कर रहा है तो कोरोना के काल मे कोई क्यो लोन देने चलेगा। पर पाक मीडिया की इतनी चर्चाओ को सुना पर कहीं भी किसी भी चर्चा में इन लोगों को अपने निकटतम मित्र चीन से वैक्सीन को लेकर कोई उम्मीद दिखाई नहीं दी यह बात मैंने नोटिस की है । यह एक बात और हो सकती है कि चीन के वैक्सीन पर उन्हे इतना विश्वास न हो । पर एक बात का दुख और अफसोस कि एक मात्र मुसलिम नयूकलीयर देश एटमी देश पाकिस्तान जहां कोविड का वैकसीन तक नहीं आ रहा है उसकी कई बार उन्होंने उल्लेख कर अपने पिछडे होने का दुख जताया। वहीं एक चैनल की चर्चा मे भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के बाल और दाढी को भी लेकर चर्चा गरम थी कि मोदी जी अपने ज्योतिष डा . मुरली मनोहर जोशी की सलाह पर ही काम करते है। मोदी जी ने यह दाढी अखंड भारत की कल्पना को लेकर बढाई है । इसको उन लोगों ने कल्कि अवतार से जोड़ा है उनका मानना है कि मोदी जी यह करेंगे। निश्चित ऐसा हो तो हर भारतीय के लिए स्वाभिमान की बात होगी। कुछ नहीं मोदी जी का वयक्तितव ऐसा है जहां उनको लेकर हमारे यहां विपक्ष चर्चा करते रहता है वहीं पाकिस्तान भी चर्चा कर उनसे अनुसरण करने की बात करता है । यह बात भी वहां की मीडिया मे हो रही थी कि इक्कीस मे हमारी विदेश नीति कैसी हो उन लोगों का तो मानना यहां तक था कि भारत अब इतना शक्तिशाली है कि कोई भी देश उसको नाराज कर हमसे दोस्ती नहीं निभाएगा। इस बात पर भी गुफतगु हो रही थी कि भारत जापान आस्ट्रेलिया व अमेरिका का गठबंधन यहां के खितते पर असर डालेगा । वहीं उनका मानना है कि अमेरिका मे किसी की सरकार आए विदेश नीति मे कोई फर्क नहीं पडता। ट्रंप से ज्यादा भारी बाइडेन पड़ेगा ऐसी भी आशंका है। वहीं एक बहस में एक अमेरिकी पाकिस्तानी ने यह तक कह दिया कि पाकिस्तान भारत से पचास साल पीछे है दोनों की कोई तुलना नहीं है। वहीं अमेरिकी प्रशासन मे व राजनीति मे भारतीयों की पकड़ है । वहां के अधिकांश भारतीय कंपनीयो के सीईओ है जो पालिसी पर दखल रखते है । उसकी यह सलाह कि पाकिस्तान को भारत से दोस्ती कर लेना चाहिए। जिससे यहां पर भी अमन हो । लेख बहुत लंबा हो रहा है। बहुत इतना ही