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राजनीति और फ़िल्म जगत भाग 3 – मिथुन दादा शुरू में रहे नक्सल समर्थक फिर समय के साथ साथ ….

चलिए आगे की तरफ रूख करते है अब गरीबों के अभिताभ बच्चन मिथुन दादा के बारे मे भी बात करते है । दादा शुरू में नक्सल समर्थक थे  । जब उनका फिल्मो में प्रवेश हुआ तो इस बात की काफी चर्चा थी।  बाद मे दादा पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु से प्रभावित हुए उसके कारण वो सीपीएम् के बडे नेताओं के संपर्क मे रहे । फिर राजनीति बदली दादा भी बदल गए अब वो तृणमूल कांग्रेस के साथ हो चले इसका उन्हे फायदा यह हुआ कि वो तृणमूल कांग्रेस के राज्य सभा सांसद भी बने । पर बाद मे उन्होने इस्तीफा भी दिया।  अब फिर राजनीतिक बयां बदली है।  दादा इस मामले में कुछ ज्यादा ही जानकार है पता नहीं दादा और संघ के सरचालक से कब आध्यात्मिक  संबंध चर्चा मे आने लगे । फिर वो राजनीति का दिन आ ही गया जब दादा ने कमल फूल थाम लिया।  देखो आगे क्या होता है दादा का क्या उपयोग होता है । पर फिल्म की दुनिया से राजनीतिक सफर कैसे तय हो सकता है उसका उदाहरण तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री भारत रत्न से सम्मानित स्व. एम जी रामचन्द्रन थे ।  तमिलनाडु मे लोकप्रिय मुख्यमंत्री अननादुराई के मृत्यु के बाद वहां के लोकप्रिय अभिनेता स्व. एम जी रामचन्द्रन मुख्यमंत्री बने । काफी लोकप्रिय रहे जैसे कहा जाता है कि उन्होंने गरीबों के लिए बहुत काम किया । यही कारण था कि उनकी अंत्येष्टि के समय इतनी भीड थी कि उनतीस लोगों की दबने से मृत्यु हुई । फिर उनकी उत्तराधिकारी फिर जयललीता हुई जो वहां अम्मा के नाम से विख्यात हुई ।जयललीता भी एक सफल अभिनेत्री थी उनहोंने एक हिंदी फिल्म इज्जत  मे धर्मेंद्र के साथ काम भी किया है  । वहीं दूसरी ओर डीएमके के प्रमुख एम करूणानिधि भी फिल्म दुनिया से ही आए । वो तमिल फिल्म के पटकथा लेखक हुआ करते थे । जब तक यह दोनों लोग रहे तब तक तमिलनाडु की सत्ता का हस्तांतरण इन्ही लोगों के बीच होता रहा  । अब दोनों इस दुनिया मे नही है ।  फिल्मी दुनियां का एक और नाम आंध्रप्रदेश से एन टी आर के नाम से विख्यात एन टी रामाराव के भी राजनेता बनने की कहानी भी दिलचस्प है  । एक बार रामाराव जी अपने काम से कहीं सरकारी गेस्ट हाउस में रूकने हुए थे तब वहां का कोई मंत्री के कारण उन्हे वह गेस्ट हाउस छोडना पडा यह बात उनको नागवार गुजरा तब उन्होंने तेलगु देशम पार्टी की स्थापना की और वो अभिनेता जो धार्मिक फिल्मो में भगवान का रोल करता था वहां की जनता ने उसे मुख्यमंत्री ही बना दिया  ।  पत्नी की मृत्यु के पश्चात उनके उपर बायोग्राफी लिखने वाली लेखिका लक्ष्मी से दूसरे शादी की । फिर उन्ही के दामांद आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू ने पार्टी पर ही कब्जा कर लिया  ।   इस तरह से अपने जीते जीते ही वो किनारा लग गए थे ।अभी दो और अभिनेता दक्षिण की दुनिया में दो और कलाकार आए । एक है रजनीकांत पर वो सिर्फ प्रचार तक ही सीमित रहे । पर दूसरे कमल हासन ने दल तक बनाया अभी जो तामिलनाडु मे अपना भाग्य आजमा रहे हैं।  उन्होंने एसडीपीसी जैसे मुसलिम  विचार वाले दल के साथ धर्मनिरपेक्षता  का बड़ा रोल निभाकर अपने असली चेहरा का प्रदर्शन कर दिया  । देखो आने वाले दिनों में क्या होता है पता चलेगा। पर अभिनेताओ ने अपनी उपस्थिति तो समय समय पर दर्ज की है ।  मै इस विषय को यही पर विराम देता हू । आप लोगों को भी जो भी जानकारी होगी उसे जरूर साझा करे । बस इतना ही  डा . चंद्रकांत रामचन्द्र वाघ

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