
गिरीश गुप्ता गरियाबंद – जिले के किडनी प्रभावित सुपेबेड़ा गांव में बीती रात फिर एक मौत हो गयी। 45 वर्षीय जयसन पटेल किडनी की बीमारी से चल बसा। इसी के साथ सुपेबेड़ा गांव में किडनी की बीमारी से मौत का आंकड़ा बढ़कर 77 हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार गांव का जयसन पटेल लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहा था। हाल फिलहाल में ओडिसा में उनका आयुर्वेदिक इलाज चल रहा था। कुछ समय से उसकी तबियत काफी नाजुक बनी हुई थी और इसी बीच कल उसकी मौत हो गयी। मौत के बाद गांव में एक बार फिर मातम पसर गया।

आपको बता दें कि सुपेबेड़ा गांव में किडनी की बीमारी से मौत का ये सिलसिला विगत 5 सालों से जारी है। पूर्व की भाजपा सरकार और वर्तमान कांग्रेस सरकार सुपेबेड़ा वासियों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाती रही है। मगर असलियत ये है कि सुपेबेड़ा वासियों को अबतक स्वच्छ पेयजल तक मुहैया नही हो पाया। इससे भी बड़ी विडम्बना ये है कि गांव में किडनी की बीमारी क्यों फैल रही है शासन के पास इसकी भी कोई पुख्ता जानकारी नही है। ऐसे में सरकार द्वारा बीमारी की रोकथाम को लेकर क्या प्रयास किये गए होंगे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है
यदि सुपेबेड़ा से जुड़े पिछले 5 साल के हालातो पर नजर दौड़ाई जाए तो राजनीतिक दलों के लिए यह गांव राजनीति का अखाड़ा मात्र बनकर रह गया है। भाजपा हो या फिर कांग्रेस या फिर जोगी कांग्रेस तीनो राजनीतिक पार्टी के बड़े नेता सुपेबेड़ा पहुंचकर ग्रामीणों की मदद करने और दूसरी पार्टियों पर आरोप लगाने का काम करते रहे। जमीनी स्तर पर काम करने की जहमत किसी पार्टी के नेताओ ने नही दिखाई।
ग्रामीणों ने एक बार फिर सरकार से बीमारी के कारणों का पता लगाने, उसकी रोकथाम करने और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की मांग की है।




