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एनएमडीसी तथा एमईसीएल ने खनिज अन्‍वेषण के लिए समझौता ज्ञापन पर किए हस्‍ताक्षर



हैदराबाद, 21 दिसम्बर, 2020: भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्‍क उत्‍पादक नवरत्‍न कंपनी एनएमडीसी लिमिटेड ने आज मिनरल एक्‍सप्‍लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड (एमईसीएल) के साथ विभिन्‍न राज्‍यों में लौह अयस्‍क, स्‍वर्ण, कोयला, हीरा तथा अन्‍य खनिजों के संबंध में परस्‍पर सहमत परियोजनाओं में एक साथ कार्य करने तथा अन्‍वेषण करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए।

भारत सरकार की दो प्रमुख अन्‍वेषण एजेंसियों एनएमडीसी लिमिटेड तथा एमईसीएल के एक साथ कार्य करने से खनिज अन्‍वेषण तथा सहयोगी गतिविधियों में बेहतर तालमेल होगा। इससे विभिन्‍न खनिजों/अयस्‍कों के संसाधनों/आरक्षित क्षेत्रों का पता लगाने एवं उनके उत्‍खनन के साथ-साथ अभी तक अन्‍वेषण न किए गए खनन क्षेत्रों का पता लगाने में भी मदद मिलेगी। इससे भारत सरकार के “आत्‍मनिर्भर भारत अभियान” पहल को समर्थन मिलेगा तथा राष्‍ट्र की खनिज सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता बढ़ेगी।

एनएमडीसी वर्तमान समय में बैलाडीला डिपाजिट-14/11सी, बैलाडीला डिपाजिट-5, 10/11ए (छत्‍तीसगढ़ राज्‍य) एवं कुमारस्‍वामी लौह अयस्‍क खानों (कर्नाटक राज्‍य) में स्थित अपनी पूर्णत: मशीनीकृत खानों से लगभग 35 मिलियन टन लौह अयस्‍क का वार्षिक उत्‍पादन कर रहा है। एनएमडीसी हीरों का अधिकांश उत्‍पादन मध्‍य प्रदेश में अपनी हीरा खनन परियोजना, पन्‍ना से करता है। एनएमडीसी ने अयस्‍क बेनिफिसियेशन तथा खनिज प्रसंस्‍करण के संबंध में अध्‍ययन के लिए एक अनुसंधान एवं विकास केंद्र भी स्‍थापित किया है।

एमईसीएल वर्ष 1972 से खनिज अन्‍वेषण के क्रियाकलाप कर रहा है तथा वह देश की एक प्रमुख अन्‍वेषण एजेंसी है। एमईसीएल ने विजन 2030 के अधीन अपनी कार्यनीतिक प्रगति योजना में सार्वजनिक क्षेत्र, प्राइवेट सेक्‍टर तथा राज्‍य सरकार (सरकारों) सहित अन्‍य एजेंसियों की ओर से परस्‍पर सहमत नियम एवं शर्तों पर भारत एवं विदेश में विभिन्‍न खनिजों के अन्‍वेषण तथा परामर्श सेवाओं को प्रदान करने पर बल प्रदान किया है।

इस अवसर पर बोलते हुए श्री सुमित देब, सीएमडी, एनएमडीसी ने कहा कि “एनएमडीसी इस्‍पात उद्योग की मांग को देश में पूरा करके माननीय प्रधानमंत्री के आत्‍मनि‍र्भर भारत की संकल्‍पना को अपना योगदान प्रदान करना चाहता है। मुझे आशा है कि इस वेंचर से दोनों कंपनियों को अपने कार्यनीतिक तथा लाभकारी अन्‍वेषण मिशन को पूरा करने तथा उच्‍च प्राथमिकता वाले अन्‍वेषण क्षेत्रों में ध्‍यान केंद्रित करने के साथ ही देश में ऐसे खनिजों के उत्‍पादन में मदद मिलेगी जो पहले आयात किए जाते थे ताकि इससे आत्‍मनिर्भरता के उद्देश्‍य को पूरा किया जा सके।एनएमडीसी खनन के क्षेत्र में अग्रणी रहा है तथा अब झारखंड में तोकिसूद उत्‍तर कोयला खान तथा रोहणे कोयला खान के साथ कोयले के क्षेत्र में भी प्रवेश कर रहा है।”

श्री पी.के. सतपथी, निदेशक (उत्‍पादन) की इस समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप देने में महत्‍वपूर्ण भूमिका रही है तथा उन्‍होंने बताया कि एनएमडीसी मध्‍य प्रदेश में हीरों के अन्‍वेषण के लिए स्‍पेस जियोफिजिक्‍स ईआईजीईएन-6 सी-4 जैसी प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर रहा है तथा एनएमडीसी अपने सभी अन्‍वेषण कार्यों में “भुवन प्‍लेटफार्म” एप का प्रयोग करके मोबाइल जीआईएस अध्‍ययन कर रहा है।
श्री रंजीत रथ, सीएमडी, मिनरल एक्‍सप्‍लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड ने कहा कि “एमईसीएल ने टर्नओवर, कर-पूर्व लाभ, ईबीआईडीटीए तथा कर-पश्‍चात लाभ एवं उत्‍पादकता में सर्वोत्‍तम प्रदर्शन करते हुए पिछले 48 वर्षों के सभी रिकार्ड पार कर लिए हैं। एमईसीएल संपूर्ण भारत में सभी खनिज जिंसों के अन्‍वेषण को गति प्रदान करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पूर्व में भी एमईसीएल ने एनएमडीसी के लिए मध्‍य प्रदेश में शाहपुर पूर्व तथा शाहपुर पश्चिम कोयला ब्‍लॉकों का सफलतापूर्वक अन्‍वेषण किया है। मैं आशा करता हूं कि यह समझौता ज्ञापन सफल तथा लाभदायक होगा।”

समझौता ज्ञापन के हस्‍ताक्षर के अवसर पर एनएमडीसी की ओर से श्री अमिताभ मुखर्जी, निदेशक (वित्‍त), श्री आलोक कुमार मेहता, निदेशक (वाणिज्‍य) तथा श्री सोमनाथ नंदी, निदेशक (‍तकनीकी) एवं एमईसीएल की ओर से श्री आर.के. जैन, विभाग प्रमुख, बीडी श्री ए. माथुर, प्रमुख, कार्पोरेशन योजना तथा सुरक्षा एवं श्री बी.पी. रतूरी, महाप्रबंधक (अन्‍वेषण तथा भूविज्ञान) के साथ एनएमडीसी एवं एमईसीएल के वरिष्‍ठ अधिकारी भी उपस्थित

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