
सोनू केदार – अम्बिकापुर में निगम की लापरवाही सामने आ रही है जिसमे जहां एक तरफ लोगों को परेशान किया जा रहा है, वही दूसरी तरफ अंडे के ठेले खुलेआम अपना कारोबार कर रहे हैं। बता दें कि निगम के कर्मचारी के द्वारा छोटे-मोटे ठेले व्यवसायियों को परेशान किया जा रहा है और उनके ऊपर निगम के कार्यवाही की जा रही है, उनके ऊपर निगम के कर्मचारियों के द्वारा चालानी कार्रवाई की जा रही है।
निगम के कर्मचारियों के द्वारा कुछ पत्रकारों के द्वारा पूछा जा रहा है, तो उन कर्मचारियों के द्वारा बोला जा रहा है की हमारे ऊपर से आदेश है। हम उन आदेशों का पालन कर रहे हैं और हम चालानी कार्रवाई कर रहे हैं। पूरे मामले में एक बात समझ से परे है की कुछ ठेले वालों के ऊपर कार्यवाही कर निगम कर्मचारी अपना दायित्व समाप्त कर देते हैं और अपने उच्च अधिकारी को यह समझाते हैं कि हमारे द्वारा जो कार्रवाई की गई थी वह हमने पूर्ण कर दी हैं।
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आपको बता दें कि अंबिकापुर में इतनी दुकानें हैं कि निगम के कर्मचारी एक संपूर्ण दिन में कभी भी कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। कुछ ठेले वाले निगम के कर्मचारियों के चहेते हैं वहीं दूसरा मुद्दा है की अगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा कार्यवाही की जा रही है तो निगम के द्वारा जो ₹10 की रसीद काटी जाती है वह किस नियम के तहत मान्य है। या तो आप ठेले वालों को अनुमति देकर रसीद काटना बंद करो। ना तो इसमें कोई उच्च अधिकारी अपनी ध्यान देता है और ना ही उनके द्वारा कोई आश्वासन दिया जाता है।




