ऐसे पियें ग्रीन टी तो होंगे चमत्कारिक फायदे नही तो होतें हैं नुकसान भी, जानें
ग्रीन टी एक प्रकार की चाय होती है, जो कैमेलिया साइनेन्सिस नामक पौधे की पत्तियों से बनायी जाती है। इसके सेवन के काफी लाभ होते हैं। हर रोज कम से कम 8 कप ग्रीन टी हृदय रोग (Heart Disease) होने की संभावनाओं को कम करने और कोलेस्ट्राल (Cholesterol) को कम करने के साथ ही शरीर के वजन को भी नियंत्रित करने में सहायक होती है। लोग ग्रीन टी के बारे में जानते तो हैं लेकिन इसकी उचित मात्र न ले पाने की वजह से उन्हें उसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता है।
हरी चाय का फ्लेवर ताजगी से भरपूर और हल्का होता है और स्वाद सामान्य चाय से अलग होता है। इसकी कुछ किस्में हल्की मिठास लिए होती है, जिसे पसंद के अनुसार दूध और शक्कर के साथ बनाया जा सकता है। ग्रीन टी बनाने के लिए एक प्याले में 2-4 ग्राम चाय पड़ती है। पानी को पूरी तरह उबलने के बाद 2-3 मिनट के लिए छोड़ देते हैं। प्याले में रखी चाय पर गर्म पानी डालकर फिर तीन मिनट छोड़ दें। इसे कुछ देर और ठंडा होने पर सेवन करते हैं।
ग्रीन टी के फायदे
एक व्यस्क व्यक्ति द्वारा इसका नियमित सेवन कई रोगों से छुटकारा ही नहीं दिलाता बल्कि कई रोगों के प्रति शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है।
ग्रीन टी एंटी-एजिंग के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट का काम भी करती है। अति व्यस्तता के कारण नियमित व्यायाम न कर पाने वाले लोगों के लिये उन्हें ग्रीन टी का नियमित सेवन करना काफी लाभदायक सिद्ध होता है।
इसमें दूध नहीं मिलाना चाहिए क्योंकि इससे उसकी एंटी-आक्सीडेंट तत्व समाप्त हो जाती है। यह चाय कालेस्ट्रोल को भी नियत्रित करने में सहायक होती है। इसका प्रयोग शरीर में उपापचय दर या वसा ऑक्सीकरण को भी बढ़ाता है।
इसके सेवन से मस्तिष्क के उत्तकों को मृत होने से रोका जा सकता है। ग्रीन टी को भाप पर बनाना चाहिए।
ग्रीन टी के नियमित सेवन से न सिर्फ वजन नियंत्रित होता है, बल्कि उनमें कई तरह की बीमारियों के होने की संभावना भी कम हो जाती है।
इसके सेवन से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से भी बचा जा सकता है।
जापान में आमतौर पर लोग खाने के दौरान भी ग्रीन टी का सेवन करते हैं जो खाना पचाने में तो मदद करती ही है और हृदय रोग से भी सहायक सिद्ध होती है।