शुक्रिया डॉक्टर – जानिए 1 जुलाई को ही क्यों मनाया जाता है डॉक्टर्स डे, कब हुई इसकी शुरुवात
डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है क्योंकि डॉक्टर लोगों की जान बचाते हैं, उनकी रक्षा करते हैं। देश में तमाम ऐसे डॉक्टर हैं जो अपने मूल्यों और कर्तव्यों को समझते हैं। हम इन्हीं चिकित्सकों के लिए हर साल राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाते हैं, जिससे चिकित्सकों के प्रति आभार प्रकट किया जा सके। यहां आपको डॉक्टर्स से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बता रहे हैं।
कब और क्यों मनाते हैं?
भारत में 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे के रूप में मानाया जाता है। आज का दिन इसलिए खास है क्योंकि यह दिन हर व्यक्ति को मौका देता है कि, आप डॉक्टरों की भूमिका, उनके होने का महत्व और उनकी जिम्मेदारियों के बारे में समझें। यह दिन इसलिए खास है क्योंकि, जो डॉक्टर हमारी निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं उनके प्रति सम्मान प्रकट करना है।
सिर्फ डॉक्टर ही नहीं, यह दिन चिकित्सा उद्योग और उसकी उन्नति के लिए भी मनाया जाता है। प्रौद्योगिकी के माध्यम से लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के डॉक्टरों के प्रयास भारत में अथक रहे हैं और यह दिन उन उपलब्धियों को दर्शाता है।
1 जुलाई ही क्यों?
तथ्य की बात करें तो, दुनिया भर के विभिन्न देशों में अलग-अलग तिथियों पर डॉक्टर दिवस मनाया जाता है। भारत में, यह 1 जुलाई को मनाया जाता है क्योंकि यह भारत के सबसे प्रसिद्ध चिकित्सकों में से एक, डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय (डॉ बीसी रॉय) का जन्म और पुण्यतिथि है। इस महान चिकित्सक के सम्मान के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 1991 में डॉक्टर्स डे मनाने की शुरूआत हुई थी।
रोचक जानकारी
अन्य देशों में इसे अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है, जैसे कि ब्राजील में, यह 18 अक्टूबर को मनाया जाता है, जबकि अमेरिका में, यह 30 मार्च को मनाया जाता है। डॉक्टर दिवस का प्रतीक रेड कार्नेशन (Red Carnation) है, (रेड कार्नेशन एक फूल है) क्योंकि ये फूल प्यार, दान, निस्वार्थता और बलिदान के लिए जाना जाता है, जो कि बताता है कि डॉक्टर को इन चीजों का पालन करना चाहिए। बता दें कि अमेरिकी राज्य जॉर्जिया में 30 मार्च को वर्ष 1933 में पहली बार डॉक्टर दिवस मनाया गया था। इसमें चिकित्सकों को कार्ड भेजना और मृत डॉक्टरों की कब्रों पर फूल चढ़ाना शामिल था।