Parenting – कुछ लोगो को वृद्धाश्रम का सहारा लेना पडता है जो बहुत ही दुर्भाग्य जनक

आज डा.वाघ की वाल पर मै जो देखता हू या मुझे विश्वसनीय सूत्रो से पता चलता है चाहे वह विषय सामाजिक हो राजनीतिक हो आर्थिक हो मै आप लोगो के सामने शेयर करता हू । वह विषय आप लोगो को कितना पसंद आता है या नही भी आता है मै उसके बाद भी लिखते रहता हू । आज जिस विषय पर मै लिख रहा हू वह हम सबके जीवन के साथ जुड़ा हुआ है । आज यह विषय सामाजिक भी और सबके जीवन के साथ जुडा है । मै जीवन के उस सांझ बेला पर बात कर रहा हू जब व्यवसायी अपना व्यापार अपने बच्चो के हवाले करने पर विचार करते है । वही सर्विस वाले अपनी जमा पूंजी व अपनी संपत्ति उनके हवाले करते है । पर यह निर्णय कितना सही होता है वह आने वाले दिनो बाद ही पता चलता है। एक दो साल पहले ही एक समाचार ने आम लोगो को झकझोर कर रख दिया । एक विख्यात उधोगपति को उसके पुत्र ने ही उनको संपति से खारिज कर दिया । हालात यह हो गए उक्त उधोगपति को किराये के घर मे जाना पडा । वही उन्हे अपने इस पडाव के लिए आजीविका कैसे चलाये यह उन्हे सोचना पड रहा था । वही उम्र के इस दौरे कानूनी झंझट वह भी अपने के लिए एक मानसिक व आर्थिक दोनो का सामना करना पडता है । मेरे एक परिचित भी इसी हालात का दुर्भाग्य पूर्ण स्थिति मे आ खडे हुए है । हम प्यार वश मोह वश व वह विश्वास की हमारे बाद हमारे संपति का मालिक यही लोग है तो पहले ही यह उनके नाम से हम अपनी पूरी संपति बच्चो के हवाले कर देते है । ऐसा कर हम अपनी बंद मुट्ठी खोल देते है । जब ऐसा करते है फिर पता नही क्या हो जाता है की बच्चो के लिए हम बोझ लगने लगते है । इसके बाद हम पूरी तरह सडको मे आ जाते है । जिंदगीभर की पूरी कमाई उनकी होने के बाद या तो हमारे पास दो ही विकल्प रहते है । या तो परिस्थित से समझौता कर लो और जिंदगीभर जैसे बच्चे चाहते है वैसे रहो । दूसरा यह की अपना और कोई संसाधन हो तो फिर अपने मन मुताबिक रहे । कभी-कभार तो स्थिति जब काबू मे नही रहती तो हमारे कुछ लोगो को वृद्धाश्रम का सहारा लेना पडता है जो बहुत ही दुर्भाग्य जनक होता है । हमारे बच्चे कितने भी अच्छे हो विश्वसनीय भी हो पर हमे अपनी मुट्ठी बंद ही रखनी चाहिए। ज्यादा हो तो हमे एक कानूनी प्रक्रिया के तहत एक विल रजिस्ट्रीकृत कर लेना चाहिए। जो आपकी मौत के बाद ही खुलेगा जिससे आप उसे जैसा चाहते है वैसा वह अमल मे होता है । इससे दो फायदे होते है आपकी अपनी संपति जहां सुरक्षित रहती है । कभी-कभार अगर अप्रिय स्थिति आए तो आप कम से कम आपके सिर पर छत तो सुरक्षित रहती है । अन्यथा आपकी संपति पर बच्चे जहां अपनी संपति बनाते है वही अपने शौक पूरा करते है । वही इस संपति के लालच मे मजबूरन आपकी पूछ परख बनी रहती है । वही आपके जीवन साथी भी सुरक्षित रहती है । वही जहा आप अपना जीवन भर रहते है तो आपका लोगो से पारंपरिक व सामाजिक संबंध प्रगाढ रहते है तो आपके बुरे समय मे लोग दौडे दौडे चले आते है । यही आपकी जमा पूंजी है । नये जगह मे नये लोग नये संबंध बनाने मे वह बात नही रहती वह सिर्फ एक समझौता करने के समान होता है । फिर आपकी जेब खाली हो तो सब कुछ खत्म हो जाता है । आप जो भी करे भावना की जगह दिमाग से करे ।
बस इतना ही
डा. चंद्रकांत रामचन्द्र वाघ