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जन्माष्टमी पर बनाएं, श्रीकृष्ण के लिए पंचामृत,पंचामृत कैसे बनाएं? जानें यहां…

पूजन के समय पंचामृत प्रसाद के रूप में जरूर चढ़ाया जाता हैं। कई खास त्योहारों के अवसर पर पंचामृत का विशेष महत्व होता है। पंचामृत का अर्थ है-

5 प्रकार के अमृत। इसे दूध, दही, घी, शहद व मिश्री मिलाकर बनाया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार पंचामृत सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। कहते हैं कि पंचामृत के सेवन से सकारात्मकता का भाव पैदा होता है। जहां पंचामृत का धार्मिक महत्व है, वहीं यह स्वास्थ्य के लिए अमृत से कम नहीं है। आइए जानते हैं पंचामृत के 6 सेहत लाभ के बारे में-

पंचामृत कैसे बनाएं?

पंचामृत बनाने के लिए दही, दूध, 1 चम्मच शहद, घी व चीनी आवश्यकता अनुसार लें, साथ ही आप पंचामृत में तुलसी के 8 से 10 पत्ते भी डाल सकते हैं, साथ ही इसमें बादाम और केसर भी मिला सकते हैं। पंचामृत के फायदे 1. पंचामृत के सेवन से कमजोरी दूर होती है, साथ ही शरीर भी तंदुरुस्त बनता है। 2. यदि पंचामृत का नियमित सेवन किया जाए तो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है।

. यदि आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो पंचामृत का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इससे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। 4. पाचन संबंधी परेशानी होने पर भी इसका सेवन लाभदायक सिद्ध होता है। 5. कब्ज व एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। 6. सौंदर्य को बढ़ाने में भी यह बहुत फायदेमंद है। पंचामृत के सेवन से चेहरे पर निखार आता है व मुंहासे जैसी समस्या भी दूर होती है। लेकिन किसी भी चीज की अति नुकसानदायक सिद्ध होती है इसलिए इसका बहुत ज्यादा सेवन करने से भी बचना चाहिए।

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