लाइफस्टाइल

जानिए पहली बार कब मनाया गया था योग दिवस, जानें 21 जून को ही क्यों मनाते है विश्व योग दिवस

21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है। साल 2015 में 21 जून को पहली बार विश्व योग दिवस मनाया गया था। भारत में विश्व योग दिवस को भव्य रूप में मनाया जाता है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते विश्व योग दिवस फीका रहने वाला है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरूआत में भारत की बड़ी भूमिका है। दरअसल, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में संयुक्त राष्ट्र में इस प्रस्ताव रखा था, जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र के देशों ने भारत के प्रस्ताव को स्वीकार किया था।

Also Read – आखिर क्यूं मनाया जाता है फादर्स डे, क्या है कहानी और इस साल कब मनाया जाएगा यह दिन, जानिए

योग एक साधना है, जिसके माध्यम से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहता है। योग तन और मन से जुड़े तमाम तरह के रोग और विकारों को दूर कर मनुष्य का जीवन आसान कर देता है। यह मानव की हर तरह की शुद्धि का आसान उपकरण है। योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी विरासत है, जिसके प्रणेता महर्षि पतंजलि को माना जाता है। योग साधना में जीवन शैली का पूर्ण सार समाहित किया गया है।

इस वजह से 21 जून को मनाया जाता है योग दिवस

21 जून को ही योग दिवस क्यों मनाया जाता है। इस सवाल का जवाब ज्योतिष विज्ञान में मिलता है। 21 जून का दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कह सकते हैं। भारतीय संस्कृति के दृष्टिकोण से, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी माना जाता है। इसी कारण 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।

भगवान शिव ने किया था योग का पहला प्रसार

21 जून के दिन सूर्य जल्दी उदय होता है और देरी से ढलता है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य का तेज सबसे प्रभावी रहता है, और प्रकृति की सकारात्मक उर्जा सक्रिय रहती है। कहा जाता है कि योग का पहला प्रसार शिव द्वारा उनके सात शिष्यों के बीच हुआ था। इन सप्त ऋषियों को ग्रीष्म संक्राति के बाद आने वाली पहली पूर्णिमा के दिन योग की दीक्षा दी गई थी, जिसे शिव के अवतरण के तौर पर भी मनाते हैं। इसे दक्षिणायन के नाम से भी जाना जाता है।

Related Articles

Back to top button