रायपुर – छत्तीसगढ़ में शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूल में आरक्षित 90 हजार सीटों में से प्राप्त 79364 आवेदन के लिए 15 जुलाई को लाॅटरी निकाली जाएगी. लेकिन इसके साथ सबसे बड़ा सवाल यह है कि बीते दो सालों आधी सीटों पर ही हो रही भर्ती में क्या इस बार कोई सुधार नजर आएगा।
शिक्षा का अधिकार कानून के बनने से गरीब बच्चों के लिए निजी स्कूलों मे निःशुल्क शिक्षा पाने का द्वार तो खुल गया है, लेकिन आरटीई के अंतर्गत प्रदेश में प्रवेशित बच्चों के आंकड़ों पर नजर डाले तो यह सपना सच होता नजर नहीं आ रहा है, क्योकि पिछले दो वर्षो में सिर्फ आधी सीटों पर भर्ती हो पा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 में स्कूल शिक्षा विभाग को यह अंतरिम आदेश दिया था कि आरटीई की सभी सीटों को भरा जाना चाहिए और इसके लिए दूरी भी निर्धारित की गई थी. लेकिन विभाग की रुचि नहीं लेने से बीते दो वर्षो में सिर्फ आधी सीटों पर ही भर्ती हो पाई है।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पाॅल ने स्कूल शिक्षा विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र लिखकर यह मांग किया गया था कि आरटीई के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा सीटों को पूरा किया जाना चाहिए।
क्रिस्टोफर पाल ने इसके लिए सात बिंदुओ पर सुझाव भी दिए गए थे, जिस पर लोक शिक्षण संचानालय ने सहमति जताते हुए ज्यादा से ज्यादा सीटों को भरने के लिए प्रयास किए जाने का आश्वासन भी दिया है. लोक शिक्षण संचालनालय का कहना है कि विभाग की मंशा भी है कि आरटीई की ज्यादा से ज्यादा सीटों को भरा जावें जिसके लिए विभाग सतत् प्रयासशील हैै।
बता दे की इस शिक्षा सत्र में आरटीई के तहत भरे गए ऑनलाइन आवेदनों के लिए 15 जुलाई को प्रथम लाॅटरी निकालने का निर्णय लिया है, और यह लाॅटरी राज्य स्तरीय पर निकाला जाएगा. इसके पश्चात पुनः रिक्तों सीटों को भरने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए पोर्टल खोल दिए जाएंगे.
शिक्षा का अधिकार के अंतर्गत विगत तीन वर्षो की जानकारी
