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किसान आंदोलन – किसान संगठनों ने आंदोलन तेज करने का किया ऐलान, आज रखेंगे उपवास

कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के विरोध में किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 28वें दिन भी जारी है और किसान दिल्ली की तमाम सीमाओं पर टिके हुए हैं. किसान आज (बुधवार) किसान दिवस के मौके पर उपवास करेंगे और दोपहर का भोजन नहीं करेंगे. इसके साथ ही किसान संगठनों ने आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है और कहा है कि 25-26 दिसंबर को हरियाणा के हाईवे टोल फ्री किए जाएंगे।


किसान प्रदर्शन (Farmers Protest) के बीच सरकार ने किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है और आज किसान संगठनों की बैठक में सरकार से आगे वार्ता पर रणनीति बनेगी. सरकार के बातचीत के प्रस्ताव पर किसान संगठन आज जवाब दे सकते हैं, हालांकि वार्ता को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हैं, क्योंकि मंगलवार को किसान संगठनों की हुई बैठक भी बेनतीजा रही थी.

आज का दिन किसान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है और पिछले 28 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों ने देशवासियों से एक वक्त का खाना किसानों के समर्थन में छोड़ने के लिए अपील की है. सभी किसान भी आज दोपहर का भोजन नहीं करेंगे. इसके साथ ही प्रदर्शन कर रहे किसानों ने ब्रिटेन में भारतीय मूल के सांसदों से भी अपील की है कि वो 26 जनवरी के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली आ रहे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) को दिल्ली आने से रोकें.


वही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने मंगलवार को दो किसान संगठनों के नेताओं से मुलाकात की. बैठक के बाद कृषि मंत्री ने उम्मीद जताई कि किसान जल्द ही बातचीत के लिए आगे आएंगे. नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर कहा कि सरकार को आंदोलनकारी किसानों के जवाब का इंतजार है.


उत्तर प्रदेश में आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) की जयंती पर किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस (Congress) के कार्यकर्ता बीजेपी के सांसद और विधायकों के आवास का घेराव करेंगे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) ने सभी जिलों में कार्यकर्ताओं के लिए निर्देश जारी किया है, जिसमें लिखा है कि किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के लिए बीजेपी के जनप्रतिनिधियों के आवास-कार्यालयों पर ताली और थाली बजाकर प्रदर्शन किया जाएगा. कांग्रेस का कहना है कि किसान आंदोलन के दौरान कई किसानों की मौत हो गई, लेकिन उनकी समस्याओं को देखने की बजाय केंद्र सरकार ने आंखे बंद कर ली है।

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