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बीजेपी प्रदेश प्रभारी शिवप्रकाश ने किया मिशन 2023 पर बैठक, जानिए क्या कुछ कहा

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री और प्रदेश प्रभारी शिवप्रकाश ने मिशन 2023 के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को टिप्स दिया है । उन्होंने कहा है कि इस बार भाजपा किसी के भरोसे और कमजोरियों के सहारे चुनाव लड़ने की बजाए अकेले चुनाव लड़े और जीते। शिवप्रकाश के इस बयान के कई तरह के अर्थ निकाले जा रहे हैं । इसको लेकर टीका टिप्पणी टिप्पणी भी शुरू हो चुकी है।

भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने मिशन 2023 को लेकर कहा कि इस बार भारतीय जनता पार्टी किसी के भरोसे और कमजोरियों के सहारे नहीं बल्कि अपने दम पर चुनाव लड़े । इसके कई तरह के अर्थ निकाले जा रहे हैं ।

हम आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहला चुनाव भारतीय जनता पार्टी ने जीता था । 2001 से 2003 तक प्रदेश की जनता जोगी सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं थी इस वजह से उन्होंने विकल्प के रूप में भारतीय जनता पार्टी को चुना और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल के सहयोग से सरकार बना ली । 2008 में प्रदेश की जनता के मन में भय था कि अगर कांग्रेस की सरकार आती है तो स्थिति वही रहेगी । भारतीय जनता पार्टी ने इसे मुद्दा बनाया और 2008 में भी सरकार बना ली । ऐसा बताया जाता है कि 2013 अजीत जोगी और भाजपा में गुप्त समझौता हो गया था । समझौते के तहत अजीत जोगी ने अपने समर्थकों को कांग्रेसी टिकट दिलवाई थी इसका फायदा उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार सरकार बना ली । 2018 में भी भारतीय जनता पार्टी अजीत जोगी और कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के भरोसे थी लेकिन उन्हें इस बार उन्हें करारी हार मिली ।

हम आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहला चुनाव भारतीय जनता पार्टी ने जीता था । 2001 से 2003 तक प्रदेश की जनता जोगी सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं थी इस वजह से उन्होंने विकल्प के रूप में भारतीय जनता पार्टी को चुना और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्याचरण शुक्ल के सहयोग से सरकार बना ली । 2008 में प्रदेश की जनता के मन में भय था कि अगर कांग्रेस की सरकार आती है तो स्थिति वही रहेगी । भारतीय जनता पार्टी ने इसे मुद्दा बनाया और 2008 में भी सरकार बना ली । ऐसा बताया जाता है कि 2013 अजीत जोगी और भाजपा में गुप्त समझौता हो गया था । समझौते के तहत अजीत जोगी ने अपने समर्थकों को कांग्रेसी टिकट दिलवाई थी इसका फायदा उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार सरकार बना ली । 2018 में भी भारतीय जनता पार्टी अजीत जोगी और कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के भरोसे थी लेकिन उन्हें इस बार उन्हें करारी हार मिली ।

इस पर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि जब हम विपक्ष में थे तब जनता हमें एक विकल्प के रूप में स्वीकार नहीं कर रही थी । अजीत जोगी की उपस्थिति से जनता को ऐसा लगता था कि कांग्रेस का परिवार एक नहीं है, लेकिन 2018 में जनता ने हमें एक विकल्प के रूप में देखा और भरपूर समर्थन दिया।

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