गरियाबंद – कुहीमाल सचिव ने पत्नी के नाम लगाया बिल, निकाले लाखो रुपए, नियमो को दिखाया ठेंगा – cgtop36.com

गिरिश गुप्ता गरियाबंद:- सरपंच सचिव की आपसी सांठगाठ से उनकी कारगुजारी जाननी हो तो जरा कुहीमाल पंचायत के दस्तावेंज खंगाल कर देखियें। यहां सचिव पर सरपंच की मेहरबानी की ऐसी बारिश हुई कि सचिव ने अपनी पत्नि के नाम पर वेंडर बनाकर पंचायत से लाखो के बील पास कर लियें। दरअसल, जनपद पंचायत मैनपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत कुहीमाल में सचिव द्वारा अपनी पत्नी के नाम से लाखों रुपए के बिल लगाकर राशि आहरण की गई है, जबकि पँचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के अनुसार कोई भी पंचायत में पदस्थ लोकसेवक/ निर्वाचित सदस्य अपने सगे सम्बन्धियो को सीधा लाभ नही दे सकते। यदि वे ऐसा करते पाए जाते है तो उन पर धारा 40, 40(ग), 92 के तहत पद से पृथक करने सहित वसूली आदेश भी हो सकते हैं। ग्राम पंचायत कुहीमाल में 14 वित्त, 15 वित्त योजना से बनने वाले सीमेंट सड़क, नाली निर्माण अन्य कार्यो में भारी भष्ट्राचार कर पंचायत सचिव द्वारा अपनी ही पत्नी के नाम से लाखों रुपए के बिल लगाकर भारी धांधली की गई है।
क्या कहते है नियम
पंचायत राज अधिनियम 1993 की मानें तो ग्राम पंचायत के सरपंच पंचायत सचिव व उनके परिजन अपने पंचायत बिल नहीं लगा सकते लेकिन कुहीमाल ग्राम पंचायत के सचिव ने पंचायत राज अधिनियम 1993 को ताक में रखकर अपने ही पंचायत को ही माल में लाखों रुपए का बिल लगाकर भ्रष्टाचार किया है।
नियमो की उड़ाई धज्जियां
कुहीमाल के सचिव ने पंचायत राज अधिनियम 1993 के धारा( ग) की धज्जियां उड़ाया है धारा 40 (ग) जिसमें स्पष्ट लिखा हुआ है कि सरपंच अपने परिवार के सदस्यों को पंचायत में लाभ नहीं दिला सकता लेकिन सचिव ने नियम विरुद्ध अपने पंचायत में अपने पत्नी को लाभ दिलाया है।
क्या सरकारी कर्मचारी को नही है सरकारी नियमो की जानकारी
अब पंचायत में ऐसा भी नहीं है कि ग्राम पंचायत के सचिव को पंचायती राज अधिनियम की जानकारी ना हो सचिव को पंचायती राज अधिनियम की जानकारी होते हुए भी पंचायती राज अधिनियम की धज्जियां उड़ाना गंभीर विषय है।
क्या थी मजबूरी या था लालच
कुहिमाल पंचायत के सचिव तुका राम नायक को ऐसी कौन सी मजबूरी आन पड़ी जो अपने पति का ही बिल ग्राम पंचायत में लगाना पड़ा इससे यह भी जाहिर होता है कि सचिव ने भ्रष्टाचार करने की मंशा व बिल से प्रतिशत के रूप से प्राप्त लाभ कमाने पत्नी के बिल को अपने ग्राम पंचायत में लगाया है।
क्या कहते है मैनपुर सीईओ अनुपम टोप्पो
पंचायत राज अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है अगर ऐसा हुआ है तो में एक बार फाईल देख लेता हु आप के द्वारा जानकारी प्राप्त हुई।
विगत दिनों जिले में ऐसे मामले में हो चुकी है कार्यवाही
बीते दिनों ऐसा ही मामला छुरा विकासखंड के भी ग्राम पंचायत में आया था जिसे जनपद पंचायत सीईओ ने गंभीरता से लेकर सरपंच के ऊपर पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 के तहत कार्यवाही की है।





