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छठ पूजा का दूसरा दिन आज, खरना में रखें निर्जला व्रत, जानें विधि, मुहूर्त, सूर्यास्त समय और महत्व |


Chhath Puja 2023 आज 18 नवंबर शनिवार को छठ पूजा का दूसरा दिन है. आज खरना है. आज के दिन व्रती सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला व्रत रखते हैं. उसके बाद शाम की पूजा करके प्रसाद ग्रहण करते हैं. फिर पूरे परिवार के सदस्य उस प्रसाद को खाते हैं. खरना के दिन उपवास रखकर तन और मन को शुद्ध और मजबूत बनाया जाता है, ताकि अगले 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जा सके. 36 घंटे तक निर्जला उपवास के कारण यह व्रत कठिन व्रतों में से एक है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि खरना क्या है और इसकी विधि क्या है? खरना के दिन का शुभ मुहूर्त और सूर्यास्त समय क्या है?

खरना क्या है?
छठ के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है. खरना कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है. इस दिन व्रती को सुबह से शाम तक निर्जला व्रत रखना होता है. फिर शाम में पूजा पाठ करके खीर और पूड़ी या खीर और रोटी खाते हैं. यह खीर गुड़ और चावल से बनाते हैं.

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खरना 2023 के शुभ मुहूर्त
कार्तिक शुक्ल पंचमी तिथि की शुरूआत: 17 नवंबर, 11:03 एएम से
कार्तिक शुक्ल पंचमी तिथि की समाप्ति: 18 नवंबर, 09:18 एएम तक
तिथि: कार्तिक शुक्ल पंचमी
रवि योग: सुबह 06:46 बजे से देर रात 12:07 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: देर रात 12:07 बजे से कल सुबह 06:46 बजे तक
अभिजित मुहूर्त: 11:45 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक
सूर्योदय: सुबह 06:46 बजे
सूर्यास्त: शाम 05:26 बजे
राहुकाल: सुबह 09:26 बजे से सुबह 10:46 बजे तक

खरना की विधि और​ नियम
1. आज प्रात:काल में स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें और दैनिक पूजा पाठ कर लें.

2. फिर पूरे दिन निर्जला व्रत रखें. अन्न और जल ग्रहण न करें.

3. दिनभर भजन-कीर्तन आदि में समय व्यतीत करें. सोने से परहेज करें. व्रत में सोना वर्जित होता है.

4. सूर्यास्त के बाद स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहन लें. फिर सूर्य देव और छठ मैया की पूजा करें.

5. मिट्टी के चूल्हे में आम की लकड़ी जलाएं. उस पर गुड़, चावल और दूध से खीर बनाएं. उसके बाद रोटी या पूड़ी बना लें. फिर उसका भोग सूर्य देव और छठ मैया को लगाएं.

6. पूजा के बाद परिवार में व्रती सबसे पहले खीर और रोटी या पूड़ी खाएं. उसके बाद परिवार के अन्य उसे खा सकते हैं.

7. प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती पानी पी सकता है. उस रात आप चंद्रास्त से पूर्व तक पानी पी सकते हैं. आज चंद्रास्त रात 10:00 बजे होगा. यह नई दिल्ली का समय है.

8. उसके बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ हो जाएगा.



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