कब है मदर्स डे, जानिए क्या है इतिहास और कब से मनाया जा रहा है ये खास दिन… |

Mothers Day 2023 : माँ बच्चों के लिए हर चुनौतियों का सामना करती है। एक माँ जीवन भर एक रक्षक की तरह अपने बच्चे की रखा करती है और अपने बच्चों से बिना किसी शर्त और चाह के प्यार करती है। माँ हर परिस्थिति में सबसे अच्छी दोस्त और एक शिक्षक की तरह अलग-अलग भूमिका निभाती है।
भारत में मई महीने के दूसरे रविवार को Mother’s Day मनाया जाता है। ये दिन खासतौर पर सभी माताओं को समर्पित है। वैसे तो माताओं के प्रति प्यार और सम्मान हमेशा ही हमारे दिलों में होता है लेकिन इन दिन को मनाकर उनको खास महसूस करवाया जाता है। इस दिन माँ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करके उनके अथाह स्नेह के लिए उनको धन्यवाद् किया जाता है।
हमारी पहली शिक्षक हमारी माँ ही होती है। माँ भले ही अनपढ़ हो पर दुनिया में आने के बाद जो हम शुरुआत में कुछ भी सीखते हैं वो हमे माँ ही सिखाती है।Mother’s Day के दिन लोग अपनी मां को खास महसूस कराकर उन्हें यह बताने की कोशिश करते हैं कि उनके जीवन में मां की क्या भूमिका है और वह भी अपनी मां से बहुत प्यार करते हैं।
Mother’s Day भारत में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल आता है की Mother’s Day मई माह के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाया जाता है? मदर्स डे मनाने की शुरुआत कब से और क्यों हुई? चलिए जानते हैं मदर्स डे का इतिहास, महत्व और इस खास दिन से जुड़ी कहानी।
माँ प्रकृति का सबसे अच्छा उपहार है। हर परिस्थिति में वह अलग अलग भूमिका निभाती है। पर क्या आप जानते हैं Mother’s Day क्यों मनाते हैं? Mother’s Day का महत्व और इतिहास क्या है? Mother’s Day मई महीने के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाया जाता है
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Mothers Day 2023 : माँ बच्चों के लिए हर चुनौतियों का सामना करती है। एक माँ जीवन भर एक रक्षक की तरह अपने बच्चे की रखा करती है और अपने बच्चों से बिना किसी शर्त और चाह के प्यार करती है। माँ हर परिस्थिति में सबसे अच्छी दोस्त और एक शिक्षक की तरह अलग-अलग भूमिका निभाती है।
भारत में मई महीने के दूसरे रविवार को Mother’s Day मनाया जाता है। ये दिन खासतौर पर सभी माताओं को समर्पित है। वैसे तो माताओं के प्रति प्यार और सम्मान हमेशा ही हमारे दिलों में होता है लेकिन इन दिन को मनाकर उनको खास महसूस करवाया जाता है। इस दिन माँ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करके उनके अथाह स्नेह के लिए उनको धन्यवाद् किया जाता है।
हमारी पहली शिक्षक हमारी माँ ही होती है। माँ भले ही अनपढ़ हो पर दुनिया में आने के बाद जो हम शुरुआत में कुछ भी सीखते हैं वो हमे माँ ही सिखाती है।Mother’s Day के दिन लोग अपनी मां को खास महसूस कराकर उन्हें यह बताने की कोशिश करते हैं कि उनके जीवन में मां की क्या भूमिका है और वह भी अपनी मां से बहुत प्यार करते हैं।
Mother’s Day भारत में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल आता है की Mother’s Day मई माह के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाया जाता है? मदर्स डे मनाने की शुरुआत कब से और क्यों हुई? चलिए जानते हैं मदर्स डे का इतिहास, महत्व और इस खास दिन से जुड़ी कहानी।
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भारत में मई महीने के दूसरे रविवार को Mother’s Day मनाया जाता है और माँ को सम्मान देने के लिए इस दिन को Mothering Sunday (ईसाई त्योहार) के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन सभी माताओं और उनके मातृत्व के सम्मान के लिए मनाया जाता है। यह समाज में मातृ बंधन और माताओं के प्रभाव का प्रतिनिधित्व करता है।
ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, भारत, चीन, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका और यूरोपीय देशों जैसे अधिकांश देशों में इस दिन को मई मैंने के दूसरे रविवार को मनाया जाता लेकिन एक अपवाद यह भी है कि कुछ अरब देशों और कुछ यूरोपीय देशों में इस दिन को मार्च के महीने में ही मनाया जाता है। साल 2022 में मदर्स डे 8 मई को मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने की शुरुआत औपचारिक तौर पर 1914 में हुई थी।




