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एक फल ऐसा भी जिसका स्वाद बिल्कुल गुलाब जामुन जैसा, क्या जानते हो आप


एक पेड़ ऐसा भी है जिसका फल इतना मीठा और स्वादिष्ट है कि लोग उसके फल को गुलाब जामुन के नाम से जानते हैं. यह फल फरवरी में लगना शुरू हो जाता है और मई-जून तक तैयार हो जाता है. यह देखने में अमरूद की तरह हल्का पीलापन लिए हरे रंग का होता है.

पेड़ डोईवाला के रानीपोखरी-भोगपुर मार्ग पर स्थित प्राचीन सिद्ध महादेव मंदिर के प्रांगण में लगा हुआ है. जो इस समय फलों से लदा हुआ है. स्थानीय स्तर पर अभी यह पेड़ बहुत कम संख्या में है. गुलाब जामुन फल का यह पेड़ मुख्यत: उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बंगाल, राजस्थान में पाए जाते हैं. इसके अलावा दक्षिण भारत उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों में भी कहीं-कहीं मिल जाते हैं.

इसकी खुशबू और स्वाद में यह बिल्कुल गुलाब जामुन की तरह ही लगता है. इस फल के अंदर एक गोल बीज रहता है. जानकारों के अनुसार इस फल के बीज व पत्ते भी औषधीय गुणों से भरपूर हैं. इसके बीज और पत्तों को सुखाकर पाउडर बनाकर खाने से यह शुगर पर नियंत्रण करने में सहायक है. वर्तमान में यह फल बाजार के अलावा आनलाइन भी मिल रहा है. जो कि एप्पल रोज गुलाब जामुन फल के नाम से मिलता है. जिसकी कीमत चार सौ रुपये प्रति किलो के लगभग है.

निधि थपलियाल (उद्यान अधिकारी, देहरादून) ने बताया कि यह एक उष्णकटिबंधीय पौधा है. इसका एक बड़ा वृक्ष होता है. जिसकी उत्पत्ति पूर्वी भारत में है. परंतु अब यह सभी जगह उत्पन्न हो रहा है. इसके लिए तापमान 25 डिग्री से 40 डिग्री तक अनुकूल है.

इसके फलों से गुलाब की महक आती है. इसका फल भी स्वादिष्ट होने के साथ ही इससे विटामिन सी प्रचुर मात्रा में मिलता है. जो इम्युनिटी बढ़ाने में भी सहायक है. परंतु इस फल को अभी अधिक प्रसिद्धि न मिलने के कारण लोग को इसकी अधिक जानकारी नहीं है. इस पेड़ को लोग अपने बगीचे में लगाकर इस फल का स्वाद व इसके गुणों का लाभ ले सकते हैं.

पर्यावरणविद् के मुताबिक ”यह बहुत अच्छा फल है और इसकी खास बात यह है कि इसका ऊपर का छिलका खाया जाता है. इसके अंदर मिलने वाला बीज शुगर के इलाज के लिए अद्भुत है. अगर शुगर का मरीज इसके बीज को 100 ग्राम भी खा ले तो बीमारी जड़ से साफ हो जाएगी. इसके पत्तों में भी वही गुण है. इसके पत्तों से भी कठिन से कठिन शुगर को खत्म किया जा सकता है. इसके पत्ते का चूर्ण बनाकर पीने से लाभ मिलता है.”



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