क्या आपका बच्चा होम वर्क करने करता है आनाकानी, ऐसे बच्चों में डालें आदत

अधिकतर पैरेंट्स नौकरीपेशा होने की वजह से बच्चों पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। तो वहीं कोविड में दो साल से घर पर होने की वजह से भी बच्चे मोबाइल और लेपटॉप पर लगे रहने के कारण जिद्दी हो गए हैं। साथ ही डिसिप्लिन भूल गए हैं। इस तरह के स्वभाव का सीधा असर या तो उनकी पढ़ाई या फिर शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है। अगर आपके घर में भी बच्चों का कुछ ऐसा ही हाल है और आप भी कुछ इसी तरह की समस्या से जूझ रहे हैं तो हम आपके साथ हम साझा कर रहे हैं कुछ खास पॉज़िटिव तरीक़े जो आपके बच्चों को डिसिप्लिन सिखाएंगे।
होमवर्क कराना हो बड़ा टास्क-
ज़्यादातर बच्चे होमवर्क करने के नाम पर ही मुंह या बहाने बनाने लगते हैं। ऐसे में कई पैरेंट्स उन्हें पढ़ने में अच्छे बच्चों से कंपेयर करके प्रोत्साहित करना चाहते हैं। जिससे बच्चे और भी चिढ़ जाते हैं। आपको चाहिए कि बच्चे के साथ ज़ोर.ज़बर्दस्ती या उनकी तुलना करने के बजाय पढ़ाई में उनकी रुचि जगाएं।
रियल टाइम गेम सिखाएं –
अक्सर पैरेंट्स की शिकायत होती है कि उनका बच्चा अपना सामान सही स्थान पर नहीं रखता। यदि आपका बच्चा भी अपना सामान अपनी जगह पर नहीं करता जगह-जगह सामान बिखेरता है तो उसे खेल-खेल में टास्क दें। इतना ही नहीं टाइमर लगाकर उन्हें चीज़ों को व्यवस्थित रखने के लिए कहें। इसे एक रियल लाइफ गेम की तरह ट्रीट करें। ऐसा करने से कुछ समय बाद आप देखेंगे कि आपका बच्चा किस तरह खेल.खेल में चीज़ों को व्यवस्थित रखना सीख गया है।
जब बच्चा दिखाए रौब –
अक्सर बच्चे अपनी जिद मनवाने के लिए रौब झड़वाने लगते हैं। अगर आपके बच्चे के साथ भी यही दिक्कत है तो आपको बता दें इस कंडीशन में आपको एक ट्रिक अपनानी है। जिसके मुताबिक बच्चे को अपना सहायक बनाकर देखें। वे पूरे लगन से उस काम को करने में जुट जाएंगे। कुछ समय बाद आप देखेंगे कि किस तरह ज़िम्मेदारी उन्हें एक अच्छे बच्चे में बदल देती है।
अपनाएं जादू की झप्पी का नुस्खा –
अगर आपका बच्चा जिद्दी हो रहा है तो आप समझ जाएं कि आपका बच्चा मेंटली अपसेट है। ऐसे में आपको अपने बच्चों को डांटना मारना नहीं है बल्कि आप उनके साथ जादू की झप्पी वाला ट्रीटमेंट आज़माकर देखें। आपके स्नेह और प्यार से उसका भावनात्मक उतार.चढ़ाव तुरंत संतुलित होगा और वो झट से नॉर्मल हो जाएगा।
जब बच्चा खाना खाने में करे नखरे –
अगर इसके बाद भी आपका बच्चा खाना खाते समय नखरे करे तो उसे ठीक करने के लिए वन बाइट रूल को अपनाएं। आपको बता दें इस रूल में बच्चे खाने को पहले खाना टेस्ट करने से लिए कहे। उनसे प्यार से आग्रह करें कि वे पहले एक कौर खाना खाकर देखें। अगर उसके बाद पसंद न आए तो नहीं खाएंगे।
समय की वैल्यू समझाएं –
मम्मा एक मिनिट, दो मिनिट मे आता हूं अगर आपका बच्चा भी इसी तरह के आदतों के साथ समय को टालता है तो आप ये समझ जाइए वह जिंदगी भर ढीला ही बना रहेगा। इसलिए जरूरी है कि उसे समय की वैल्यू समझाएं। अगर बच्चे ऐसा करें तो उन्हें सबक सिखाने के लिए उनके फ़ेवरेट काम के टाइम को कम कर दें। आपके ऐसा करने से बच्चे को अपनी पसंदीदा गतिविधि के लिए समय नहीं मिलेगा। तो वे बाक़ी कामों में समय के महत्व को समझ जाएगा।
आदतन झूठ बोलने लगे बच्चा –
अगर आपका बच्चा आदतन झूठा बन जाता है। वह असल ज़िंदगी से जुड़ी चीजों को भी बढ़ा-चढ़ाकर बताने लगता है तो उसकी इस आदत को छुड़ाने के लिए उसे कहानी लिखने की प्रेरणा दें। उससे कहें कि वह अपनी कल्पना का इस्तेमाल करके एक कागज पर कहानी लिखे।