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IIT में एडमिशन! ST छात्रों को बिना आरक्षण GEN स्टूडेंट्स के बराबर स्कोर हासिल करने में 400 साल लग सकते हैं


एक चौंकाने वाले विश्लेषण के मुताबिक भारत में अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों को जनरल कैटेगरी के छात्रों के बराबर स्कोर हासिल करने और बिना किसी छूट के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में प्रवेश पाने में लगभग चार सदी लग सकती हैं. वहीं, अनुसूचित जाति (SC) के छात्रों को IIT में प्रवेश पाने के लिए बिना आरक्षण के लगभग 367 साल लग जाएंगे.

IIT कानपुर के पूर्व छात्र धीरज सिंह ने एक श्वेत पत्र में IIT में विभिन्न श्रेणियों के छात्रों के प्रवेश के आंकड़ों का अध्ययन किया है. उन्होंने पाया है कि इन श्रेणियों के बीच स्कोर में काफी अंतर है. सिंह ने “इनपुट समानता” और “कैच-अप दर” के आधार पर यह विश्लेषण किया है.

सिंह ने बताया, “कैम्पस में, हमेशा एक ‘हम बनाम वो’ की भावना रहती है. मैं खुद भी आरक्षित श्रेणी से आता हूं. घर से मैं पहला ऐसा व्यक्ति था जो कॉलेज गया, मैंने कोई कोचिंग नहीं ली. लेकिन ‘तुम्हारी JEE रैंक क्या है?’, ‘तुम्हारा पूरा नाम क्या है?’ जैसे सवालों से मेरा आत्मविश्वास घटता गया.”

सिंह ने 2013 से 2023 तक JEE एडवांस्ड के आंकड़ों का विश्लेषण किया. उन्होंने पाया कि ST छात्रों के लिए “इनपुट गैप” -60% है, जबकि SC छात्रों के लिए यह -51% है. उनके शोध के अनुसार, अगर लक्षित नीतिगत कार्रवाइयों के माध्यम से “कैच-अप दर” 1% प्रति वर्ष बढ़ती है, तो SC और ST श्रेणियों के लिए सामान्य वर्ग के छात्रों के बराबर स्कोर हासिल करने में लगभग 90 से 100 साल लगेंगे. ओबीसी श्रेणियों के लिए, JEE एडवांस्ड स्कोर में समानता हासिल करने में 32 साल लगेंगे.

हालांकि, अगर “कैच-अप दर” धीमी है, 0.5% प्रति वर्ष, तो SC और ST श्रेणियों को JEE एडवांस्ड परीक्षा में सामान्य वर्ग के छात्रों के बराबर स्कोर हासिल करने में 180 से 200 साल लगेंगे.

सिंह कहते हैं, “नीति निर्माताओं को SC, ST और OBC के मुख्यधारा में आने की प्रक्रिया में इतनी धीमी गति और लंबे समय तक चलने वाली प्रक्रिया के बारे में गंभीरता से चिंतित होना चाहिए. इसलिए, अगले 20 वर्षों में पूर्ण समानता प्राप्त करने के स्पष्ट लक्ष्य के साथ, मुख्यधारा में लाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए लक्षित तंत्र होने चाहिए.”




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