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चक्रवात यास हुवा खतरनाक, होगी गति 160-185 किमी/घंटा से और ऊपर, छत्तीसगढ़ में भी होगा असर

एनडीआरएफ ने चक्रवात ‘यास’ के लिए अपनी तैयारियों के तहत ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अब तक की सबसे अधिक टीमों को तैनात किया है। मंगलवार शाम को ओडिशा के पारादीप में चल रही तेज हवाओं की वजह से कई पेड़ उखड़ गए हैं। ओडिशा सरकार ने तटीय जिलों के संवेदनशील इलाकों से 2 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। पश्चिम बंगाल में 9 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित आश्रय पर पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसकी जानकारी दी है।

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एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा कि चक्रवात यास एक भीषण चक्रवाती तूफान में बदल गया है जिसके हवा की गति बढ़ने की संभावना है। इसकी गति 160-185 किमी/घंटा से और ऊपर जाएगी। चक्रवात के पल-पल की जानकारी लेने के लिए एनडीआरएफ ने खास कंट्रोल रूम भी बनाया है जिसके तुरंत हालात के मुताबिक रणनीति बनाई जा रही है। एनडीआरएफ के डायरेक्टर जेनरल एसएन प्रधान ने कहा है-एनडीआरएफ ने जिन टीमों को लगाया है उनमें 52 ओडिशा तो 45 पश्चिम बंगाल में तैनात की गई हैं। संघीय आपदा बल ने पांच राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में तैनाती के लिए कुल 115 टीमों को तैयार किया है।

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मध्य पूर्वी बंगाल की खाडी मे 22 मई को निर्मित अवदाब क्षेत्र.. अब चक्रवाती तूफान का रूप ले चुका है.. जो 26 मई बुधवार को वो पृथ्वी से टकराने के बाद झारखंड की ओर प्रवेश करेगा और झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाको मे प्रभाव के बाद ये चक्रवाती तूफान पश्चिमी झारखंड की तरफ से छत्तीसगढ के कुछ जिलो मे प्रभाव डालेगा। दरअसल मध्य पूर्वी बंगाल की खाडी से उत्पन्न चक्रवाती तूफान 26 तारिख को पृथ्वी से टकराने के बाद पश्चिमी झारखंड के रास्ते.. छत्तीसगढ के जिन जिलो मे प्रवेश करेगा उसमे बलरामपुर , सरगुजा और जशपुर जिला शामिल हैं।

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इधर मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक जब ये चक्रवाती तूफान छत्तीसगढ मे प्रवेश करेगा. उस दौरान इन इलाको मे 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज रफ्तार हवाए चलेंगी.. इतना ही नहीं इस चक्रवात का असर 26 .27. 28 मई तक छत्तीसगढ के इन इलाको मे रहेगा.. और इन दिनो मे इन तीन चार जिलो मे गरज से साथ बारिश भी होगी।

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