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आखिर क्यूं करना पड़ा कोरोना की वजह से लॉक डाउन, लोग नहीं आ रहे थे बाज, जानिए एक्सपर्ट की जुबानी

कोरोना के खौफ के बीच सड़कों पर घूम रहे लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार को कड़ा संदेश दिया। कार्रवाई की बात की। बावजूद इसके कुछ लोग समाज के दुश्मन बनकर सामने आए हैं। ये लोग लॉकडाउन, कर्फ्यू के बाद भी बिना खौफ के सड़कों पर दिखे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर आज दूसरी बार मंगलवार को देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए देश की जनता बधाई के पात्र हैं।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज रात (24 मार्च) 12 बजे से देश के हर हिस्से में 21 दिन तक लॉकडॉउन किया जा रहा है। उन्होंने ये एक तरह का कर्फ्यू ही है। यह जनता कर्फ्यू से ज्यादा सख्त होगा। कोरोना महामारी को रोकने के लिए यह लॉकडाउन जरूरी है।

भारत में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 32 राज्यों (560 जिलों) में लॉकडाउन कर दिया गया है और कुछ जगहों पैर कर्फ्यू लगाने के बावजूद लोग घर नहीं बैठ रहे। सड़क, मार्केट में आज भी लोगों की भीड़ दिख रहा है लोग जब घर से निकलने से बाज नहीं आए तो फोर्स को कहीं-कहीं बल का इस्तेमाल भी करना पड़ा।

लॉकडाउन के बावजूद इसके लोग मार्केट पहुंचे। कई बिना किसी मास्क के वहां थे। ऐसे में कोरोना की चपेट में आने का खतरा ज्यादा है।

पुलिस ने सुबह शाहीन बाग वाला रोड खाली करा दिया। तंबू उखाड़ दिया। प्रदर्शनकारियों को वापस भेज दिया। लेकिन धीरे-धीरे भीड़ फिर जुटने लगी। फिर पुलिस ने किसी तरह समझाया कि फिलहाल कोरोना से लड़ने की जरूरत है। कुछ लोग अब भी अड़े हुए हैं।

प्रभाकर पटनायक ने कहा ये निर्णय एक अच्छी पहल और पुरे देश इसका पालन करे तो अच्छा होगा। लोग कम्युनिटी स्प्रेड से बचे अगर इसका पालन नहीं हुवा तो पूरा देश इस संक्रमण से बच नहीं पायेगा ।

(लेखक के यह अपने विचार हैं, हम इससे सरोकार नही रखते)

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