कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाना जरूरी है, यह बात कुछ समझदार लोग जान गए हैं। लेकिन जो समझ कर भी नही समझ रहें , उनके लिए अब एक ही उपाय है कि उन्हे याद दिलाया जाए, घर के लोगों द्वारा ,परिजनों द्वारा, बच्चों द्वारा ,अजनबियों द्वारा। यह याद दिलाना टोकने जैसा होना चाहिए ताकि व्यक्ति को अपनी गलती समझ में आए और वह मास्क लगाने की आदत डाल लें, मजबूरी में ही सही। चिकित्सक भी लगातार यही कह रहंे कि मास्क ही फिलहाल वैक्सीन का काम करेगा और कर भी रहा है।
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मेकाहारा के कम्यूनिटी मेडीसीन विभाग ने इस संबंध में रायपुर शहर में सर्वे कराया कि आखिर लोग मास्क क्यूं नही पहनते हंै। सर्वे के अनुसार 32 प्रतिशत व्यक्ति कहते हैं कि वे गरीब है और मास्क खरीद नही सकते। जबकि वैज्ञानिक यह कहते हैं कि कपड़े के मास्क भी असरदार होते हैं। कुछ प्रतिशत व्यक्ति यह भी कहते हुए पाए गए कि मास्क से बीमारी नही रूकती, कुछ ने कहा कि गुटखा खाने के बाद थूकने में दिक्कत होती है, कुछ ने कहा संास लेने मे कठिनाई आदि- आदि । जितने मुंह ,उतनी बातें। लेकिन अभी सबसे जरूरी यह बात याद रखना है कि मास्क ही फिलहाल हमारा हथियार है ,कोरोना से जंग में और यह जंग जीतनी ही होगी हमें ।
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