सूरजपुर जिले में रिश्तों को शर्मशार करने वाली एक घटना घटी है। मानवता को ताक पर रख एक चाचा और चाची ने षड्यंत्र रचकर अपने मासूम भतीजे को मौत की नींद सुलाकर लाश झाड़ियों में फेंक दी थी।

पूरा मामला एक शासकीय जमीन पर फसल लगाने से जुड़ा हुआ है। जिसकी रंजिश में पिता से बदला लेने की चाहत ने एक मासूम को मौत की नींद सुला दी है। थाना प्रेमनगर क्षेत्र के अन्नपूर्णा गांव के रहने वाला मासूम 5 वर्षीय दिलराम 8 नवम्बर से लापता था। काफी खोजबीन करने के बाद जब मासूम दिलाराम का परिजनों को कुछ पता नहीं चला तो उन्होंने प्रेमनगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर बच्चे की तलाश में एक टीम रवाना की।
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पुलिस को जानकारी हाथ लगी कि प्रार्थी का चचेरा भाई घुर सिंह की पत्नी संतोषी सिंह ने बालक को पैसा देकर सामान लेने भेजा था। जिसके बाद शक के आधार पर संतोषी एवं घुर सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया। इस दौरान दोनों आरोपियों ने बताया कि पैतृक जमीन के बटवारा का मामला चल रहा था और गांव के एक शासकीय जमीन में 3 साल से वह धान की फसल लगाते आ रहे हैं। इस वर्ष भी उसने फसल लगाई थी, लेकिन बच्चे के पिता के सहयोग से उस धान की फसल को गांव के ही एक व्यक्ति काटकर अपने साथ ले गया। इसी रंजीश को लेकर 8 नवम्बर को दिलराम घर पास खेल रहा था जिसे हत्या करने की योजना के तहत पैसा देकर किराना सामान लेने भेजा। वापस आने पर फिर से पैसा देकर मिठाई लेने भेजा गया।
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इसके बाद मिठाई लेकर आने पर उसे अगवा कर घर के अंदर ले जाकर जबरन मिठाई खिलाकर दोनों ने मासूम बालक का गला दबाकर हत्या कर दी। देर रात को मृतक बालक दिलराम के शव को दोनों ने मिलकर प्रार्थी के खेत की झाड़ियों के अंदर ले जाकर छुपा दिया। बालक का पिता अपने लड़के को खोजने आया तो दोनों उसके साथ खोजने का नाटक करते रहे। 10 नवम्बर को आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने घटना स्थल से बालक का चप्पल एवं खेत की झाड़ियों के पास से बालक के शव को बरामद कर लिया। हत्यारे चाचा-चाची जेल भेज दिए गया है।





