
राजनांदगांव शहर के रानी सागर के समीप बने चौपाटी उद्यान नगर निगम की उपेक्षा से चौपट हो रहा है । यहां पर बच्चो के लिए बने झूले टूट फूट के चलते बिखरे पडे है वही ट्रायट्रेन खराब पडा हुआ है ।
राजनांदगांव शहर के रानी सागर तालाब के समीप नगर निगम ने सरोहर धरोहर योजना के तहत करोडो रुपये खर्च कर चौपाटी विकसित किया है ।चौपाटी आम लोगों के लिए किसी पर्यटन स्थल से कम नहीं है।लेकिन नगर निगम की उदासिनता के चलते चौपाटी अब चौपट होने लगा है । यहां पर बच्चो के लिए लगाये गये झूले टूट फूटकर यत्र तत्र फैले पडे है वही ट्रायट्रेन खराब होने से इसका लाभ बच्चो को नही मिल रहा है ।

इसी तरह पानी के आभाव मे चौपटी के फूल पेड सूखने लगे है सफाई के अभाव पूरे उद्यान मे सूखे पत्तो ने अपना बसेरा किया है।जगह जगह बने कूडे का ढेर से गंदगी का आलम बना हुआ है ।कोरोना संक्रमण के दौरान हुए डाक डाउन मे चौपटी को आम लोगो के लिए बंद किया गया था लेकिन अनलाक मे थोडा कुछ जन जीवन समान्य होते हि चौपाटी मे लोगो का सुबह शाम सैर के लिए आना शुरु हो गया है लेकिन यहां फैली गंदगी से लोग आने मे कतराने लगे हुए है ।इस पर महापौर का कहना है कि चौपटी की रखरखाव की जिम्मेदारी हमारी है चौपाटी का देखरेख न होने पर जांच कराकर दोषीयो के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी ।

इसी तरह तालाब मे बोटिग करने वाले शौकिनो को इसका लाभ नही मिल पा रहा है ।नगर निगम में प्रशासक बैठने के बाद शहरवासियों में विकास को लेकर एक उम्मीद जागी थी, लेकिन ऐसा कुछ भी लोगों को नजर नहीं आ रहा है।