शनिदेव को इस तरह प्रसन्न करें तो जीवन में आती हैं खुशियां, जानें उपाय
धार्मिक मान्यता के अनुसार शनिवार को कुछ विशेष उपाय करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। मान्यता के अनुसार, मनुष्य को उसके अच्छे-बुरे कामों का फल शनिदेव ही देते हैं, इसलिए अच्छे काम करने के साथ ही शनिदेव को प्रसन्न रखना भी आवश्यक है। जिस पर शनिदेव प्रसन्न हो जाएं, उसके सब कष्ट दूर हो जाते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय इस प्रकार हैं, ये उपाय किसी भी शनिवार को कर सकते हैं-
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
अर्थात:
- कोणस्थ,
- पिंगल,
- बभ्रु,
- कृष्ण
- रौद्रान्तक,
- यम,
- सौरि,
- शनैश्चर,
- मंद व
- पिप्पलाद।
इन दस नामों से शनिदेव का स्मरण करने से सभी दोष दूर हो जाते हैं। - शनिवार को पीपल के वृक्ष की पूजा विधि-विधान से करें। भागवत के अनुसार पीपल, भगवान श्रीकृष्ण का ही रूप है। शनि दोषों से मुक्ति के लिए पीपल की पूजा ऐसे करें…
नहाने के बाद साफ व सफेद कपड़े पहनें। पीपल की जड़ में केसर चंदन, चावल, फूल मिला पवित्र जल अर्पित करें। तिल के तेल का दीपक जलाएं। यहां लिखे मंत्र का जाप करें।
मंत्र: आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्।
देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।
विश्वाय विश्वेश्वराय विश्वसम्भवाय विश्वपतये गोविन्दाय नमो नम:।
मंत्र जाप के साथ पीपल की परिक्रमा करें। धूप, दीपक जलाकर आरती करें। पीपल को चढ़ाया हुआ थोड़ा-सा जल घर में लाकर भी छिड़कें। ऐसा करने से घर का वातावरण पवित्र होता है।शनिवार के एक दिन पहले यानी शुक्रवार को सवा-सवा किलो काले चने अलग-अलग तीन बर्तनों में भिगो दें। अगले दिन नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर शनिदेव का पूजन करें और चनों को सरसो के तेल में छौंक कर इनका भोग शनिदेव को लगाएं और अपनी समस्याओं के निवारण के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद पहला सवा किलो चना भैंसे को खिला दें। दूसरा सवा किलो चना कुष्ट रोगियों में बांट दें और तीसरा सवा किलो चना मछलियों की खिला दें। इस उपाय से शनिदेव के प्रकोप में कमी होती है।
शनिवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद कुश (एक प्रकार की घास) के आसन पर बैठ जाएं। सामने शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें व पंचोपचार से विधिवत पूजन करें। इसके बाद रूद्राक्ष की माला से नीचे लिखे किसी एक मंत्र की कम से कम पांच माला जाप करें तथा शनिदेव से सुख-संपत्ति के लिए प्रार्थना करें। यदि प्रत्येक शनिवार को इस मंत्र का इसी विधि से जप करेंगे तो शीघ्र लाभ होगा।
वैदिक मंत्र
ऊं शं नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शं योरभिस्त्रवन्तु न:।
लघु मंत्र
ऊं ऐं ह्रीं श्रीशनैश्चराय नम:।
शनिवार को एक कांसे की कटोरी में तिल का तेल भर कर उसमें अपना चेहरा देख कर डाकोत ( शनि का दान लेने वाला) को दान कर दें। साथ ही एक काले कपड़े में काले उड़द, सवा किलो अनाज, दो लड्डू, फल, काला कोयला और लोहे की कील रख कर उसे भी डाकोत को दे दें। साथ ही कुछ दक्षिणा भी दें। ये उपाय अन्य किसी शनिवार को भी कर सकते हैं।



