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छत्तीसगढ़ में 67 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण के अभिशाप से हुए मुक्त

एक साल की अवधि में कुपोषित बच्चों की संख्या में 13.79 प्रतिशत की कमी

छत्तीसगढ़ में कुपोषित बच्चों और एनिमिक महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाने के उद्देश्य से 02 अक्टूबर 2019 से राज्य शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का सुखद परिणाम परिलक्षित होने लगा है। लगभग एक साल की अवधि में इस अभियान के चलते राज्य के 67 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण से मुक्त होकर सामान्य स्थिति में आ चुके हैं। राज्य में कुपोषित बच्चों की संख्या में 13.79 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी आयी है।

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लाकडाउन के दौरान भी हितग्राही बच्चों और महिलाओं को सूखा राशन एवं पौष्टिक आहार वितरण की व्यवस्था ने इस अभियान की सार्थकता को बनाए रखने में मदद की है। कोरोना संक्रमण काल में भी एनीमिया प्रभावितों महिलाओं को आयरन, फोलिक एसिड और बच्चों को कृमि नाशक गोलिया नियमित रूप से दी गई है।

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महिला एवं बाल विकास विभाग की जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत 6 हजार 88 बच्चे कुपोषण के अभिशाप से मुक्त हुए है। अभियान के तहत चिन्हित हितग्राहियों को निःशुल्क पौष्टिक भोजन प्रदाय किया जा रहा है। हितग्राहियों को दिए जाने वाले पौष्टिक भोजन की गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पोषक खाद्य पदार्थो का उपयोग भी किया जा रहा है। कुपोषित और एनिमिया पीड़ित बच्चों के लिए अलग-अलग मीनू तैयार किया गया है।

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निश्चित समय-सीमा के बाद हितग्राहियों के स्वास्थ्य में हो रहे परिवर्तन की भी जानकारी संधारित की जा रही है। इस योजना का लाभ भी जिले के कुपोषित बच्चों को मिल रहा है। अभियान के तहत 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर पोषण स्तर की जांच की जाती है। गंभीर कुपोषित बच्चों के उपचार के लिए जिला अस्पताल सहित विकासखंड मुख्यालयों में पोषण पुनर्वास केन्द्र की सुविधा उपलब्ध है।

लाकडाउन के दौरान हितग्राहियों के घरो में पहुंचाया गया सूखा राशन

लाकडाउन के दौरान राज्य सरकार के निर्देशानुसार शिशुवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को उनके घरो में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के माध्यम से सूखा राशन पहुंचाया गया। राशन में चांवल, गेंहू आटा, तेल, पापड़, गुड़, मिक्स दाल और सब्जी उपलब्ध करायी गयी। आंगनबाड़ी में पंजीकृत 12 हजार 642 कुपोषित बच्चों को और 16 हजार 700 शिशुवती महिलाओं को सूखा राशन उनके घरो में पंहुचाया गया।

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