
रायपुर – इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर के एक प्रतिनिधिमंडल ने सिविल लाइन थाना प्रभारी को सोशल मीडिया में चल रहे एक वीडियो जिसमें किडनी की बीमारी के अति गंभीर एवं डायलिसिस वाले मरीजों की भ्रामक तथ्यों और अंधविश्वास की जानकारी पर संज्ञान लेने और जुर्म दर्ज करने हेतु ज्ञापन सौंपते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया और विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप में विश्वरूप नाम के एक व्यक्ति जो, अपने आप को अन्य कई बीमारियों का विशेषज्ञ बता रहे हैं, एक पुस्तक 360 डिग्री पोस्ट्रल मेडिसीन का प्रचार और अपने बीआईएसडब्ल्यूएआरओओपी डॉट कॉम वेबसाइट के बारे में जानकारी देते हुए नजर आ रहे हैं। 5 मिनट के इस वीडियो में वह यह कहते नजर आते हैं कि बिस्तर में दोनों तरफ 3 ईटा लगा देने से मरीज को डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ती। इस वीडियो में फरीदकोट की महिला का नाम लेकर उदाहरण भी दिया जा रहा है, जिसका डायलिसिस पीजीआई चंडीगढ़ में चल रहा था।
उन्होंने यह भी कहा कि, डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के निकट पहुंच चुके मरीजों को डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ती। हमें आशंका है कि इनका यह वक्तव्य पूरे देश में किडनी से संबंधित गंभीर मरीजों को भ्रामक जानकारी देकर सही इलाज से दूर कर देगा, जिससे मरीजों के अति गंभीर स्थिति में पहुंचने की प्रबल संभावना है।
डॉक्टर ने पुलिस से आग्रह किया हैं कि, संबंधित वेबसाइट, वीडियो और किताब पर प्रतिबंध लगाएं और गैर वैज्ञानिक, अंधविश्वास पूर्ण और भ्रामक जानकारी फैलाने संबंधित धारा का इस्तेमाल कर जुर्म दर्ज करें, ताकि इस प्रकार की भ्रामक, अंधविश्वास पूर्ण चिकित्सकीय जानकारी फैलाने वालों पर कानून का सांकेतिक प्रभाव पड़ सके। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर के प्रतिनिधिमंडल में डॉक्टर ललित शाह, डॉ. महेश सिन्हा, डॉक्टर राकेश गुप्ता, डॉक्टर अनिल जैन, डॉ. आशा जैन, डॉ. विकास अग्रवाल शामिल थे।




