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अपर सिकासर सिंचाई परियोजना का निर्माण कर हजारो आदिवासियों को बेघर करने की साजिश – लोकेश्वरी नेताम

अपर सिकासार सिचाई जलाशय से इस क्षेत्र के किसानों को कोई लाभ नही, पांच ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रमुख, सियान, झांकर , बैगा, वरिष्ठ जनो की हुई बैठकसिंचाई परियोजना को लेकर सडक से लेकर सदन तक की लडाई लडेंगे क्षेत्र के हजारो लोग

प्रतीक मिश्रा गरियाबंद मैनपुर – मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम फरसरा पैरी नदी में जल संसाधन विभाग द्वारा अपर सिंचाई जलाशय परियोजना का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है जिसके लिए विभाग के द्वारा सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है और निर्माण स्थल पर बोर्ड लगाया गया है।

इस बात की जानकारी लगते ही ग्राम पंचायत दबनई, जिडार, जाडापदर,देहारगुडा, पांच ग्राम पंचायतो के ग्रामीण में भारी आक्रोश दिखाई दे रहा है आज तहसील मुख्यालय मैनपुर से 10 किलोमीटर दुर ग्राम रामपारा में जिला पंचायत गरियाबंद के कृषि सभापति लोकेश्वरी नेताम, जनपद सदस्य कैनी बाई ओंटी, ग्राम पंचायत जिडार के सरपंच दुलेश्वरी नागेश, ग्राम पंचायत दबनई के सरपंच घनश्याम नागेश एंव गोडवाना गणतंत्र पार्टी के संभागीय अध्यक्ष महेन्द्र नेताम, आदिवासी नेता भुवन नेताम की उपस्थिति में पांचो ग्राम पंचायतो के सियान, बुजूर्ग, वरिष्ठ जनों, झाकर पुजारी, ग्राम प्रमुखों की बैठक आयोजित किया गया है।

बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि अपर सिकासार जलाशय परियोजना का निर्माण से इस क्षेत्र की जनता को कोई भी प्रकार के लाभ नही मिल पा रहा है बल्कि दर्जन भर से ज्यादा ग्राम और आदिवासियों के प्रमुख देवी देवताओं के स्थल डुबान क्षेत्र में आ जायेगा जिससे क्षेत्र के हजारों आदिवासी प्रभावित होंगे इसलिए इस अपर सिकासार जलाशय परियोजना का विरोध करते हुए आगामी दिनों में उग्र धरना प्रदर्शन और सडक से सदन तक की लडाई लडने का प्रस्ताव पास किया गया है।

बैठक में सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास किया गया पांचवी अनुसूचित क्षेत्र होने के बावजूद बिना ग्राम सभा के जानकारी के बावजूद परियोजना सिंचाई निर्माण कार्य प्रारंभ करना गैर कानूनी व पेशा कानून का उल्लघन है, उक्त क्षेत्र मेें हमारे प्रमुख देवी स्थल मां छिन्दालाईन, मां गादी व अनेक प्रमुख देवी देवताओं का प्रमुख मंदिर है।

ग्रामीणों का कहना है कि बांध बनने से यहा देवी स्थल डुबान क्षेत्र में आ जाऐगा, पांचो पंचायत के मजदूर व आम जनता परियोजना के किसी भी कार्य में भागीदारी नही लेंगें साथ ही जंहा बांध का निर्माण किया गया जा रहा है वंहा लाखो कीमती सराई, साल, सागौन, व फलदार वृक्ष है इन लाखो वृक्षों को नुकसान होगा, साथ ही हजारो एकड कृषि जमीन डुबान क्षेत्र में आने से किसान परेशान हो जाऐंगे।

यह क्षेत्र पांचवी अनूसुचित होने के बावजूद बिना ग्रामसभा के प्रस्ताव से जो कार्य प्रारंभ किया गया है इसके खिलाफ ग्रामीणों ने जल्द ही एफ.आई.आर दर्ज करवाने का निर्णय सर्व सम्मति से लिया है।

इस दौरान आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम ने कहा बगैर ग्राम सभा के अनुमति के जल संसाधन विभाग द्वारा यह जो बांध निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है, यह पुरी तरह गलत है, और हमारे देवी देवताओं के स्थान, के साथ हजारो एकड किसानी जमीन, घर मकान, तथा पेड पौधे व क्षेत्र के लोग इससे प्रभावित होंगे।

उन्होंने कहा कि हम लोग इस बांध निर्माण का विरोध कर रहे है और आगामी 15 दिनों तक लगातार प्रत्येक ग्राम पंचायत के पारा टोला में इस सबंध में बैठक आयोजित कर लोगो के द्वारा प्रस्ताव पास किया जा रहा है साथ ही उन्होने इस मामले को लेकर सडक से सदन तक उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

इस मौके पर प्रमुख रूप से उपसरपंच रामेश्वर , नरेन्द्र सिन्हा, श्यामलाल, हेमंत नागेश, रामचरण, कैलाश सिंह, गौकरण नागेश, चमार सिंह, दशरथ सिंह, राधा बाई, फुलसिंह, हीराबती, धनमोतिन, मोहर लाल ओंटी, सुखलाल सोरी, रूखमणी बाई, फुलबाई, भुनेश्वरी, पदमनी, सोना बाई, बिन्दु बाई, चमार सिंह, फलसराम, फरसुराम, गंगाराम, सखाराम , रामेश्वर सहित पांच ग्राम पंचायत के ग्रामीण प्रमुख लोग बडी संख्या में उपस्थित थे इस मामले को लेकर कल शनिवार को ग्राम फरसरा में भी बैठक आयोजित किया गया था ।

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