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छत्तीसगढ़ – स्कूलों के फीस को लेकर जमकर प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट कार्यालय का किया घेराव, बच्चे भी हुवे शामिल

आशीष शर्मा राजनांदगांव – दबाव पूर्वक फीस मांगने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बड़ी संख्या में निजी स्कूल के पालकों ने अपने बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया।

 निजी स्कूलों के द्वारा  ट्यूशन फीस के नाम पर अन्य फीज को जोड़कर दबा पूर्वक मांगे जाने  के मामले में आज  बड़ी संख्या में पालक अपने बच्चों के साथ जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय का घेराव करने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। हाथों में तख्ती लिए शिक्षा के नाम पर लूट रहे स्कूलों पर कार्रवाई  का स्लोगन लिखकर बड़ी संख्या में पालकों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के गेट पर प्रदर्शन किया और जिला शिक्षा अधिकारी मुर्दाबाद के नारे लगाए।

इस दौरान छत्तीसगढ़ पालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नजरुल खान ने कहा कि निजी स्कूलों के द्वारा ट्यूशन फीस के साथ अन्य फीस को जोड़कर लिया जा रहा है। हम बार-बार इस मामले में कार्रवाई के लिए प्रशासन से अनुरोध कर चुके हैं, अगर प्रशासन इस पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा है तो फिर प्रशासन हट जाए और पालक संघ इस पर नियंत्रण करेगा। पालक संघ के द्वारा अंतिम चेतावनी देते हुए इस मामले में जल्द कार्रवाई करने की मांग की गई है। वहीं पालकों ने कहा है कि हम 30% से अधिक फेस नहीं दे सकते। 

  कलेक्टर के नाम सौंपा गए अपने ज्ञापन में छत्तीसगढ़ पालक संघ ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान बंद शिक्षण संस्थाओं को उस दौरान का फीस नहीं देंगे। ऑनलाइन क्लास के माध्यम से महज कुछ देर ही पढ़ाई हो रही है और किसी भी छात्र को स्कूल की सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है इसलिए 30% ट्यूशन फीस ही लिया जाए। वहीं पालक संघ ने मांग की है कि निजी स्कूलों में सिर्फ एनसीईआरटी की पुस्तकों को पढ़ाई के लिए लागू किया जाए।

इसके अलावा स्कूलों में पालक समिति के सदस्यों के चयन का अधिकार पालाक को को ही दिया जाए और शिक्षा के अधिकार अधिनियम का कड़ाई से पालन हो। न लाभ न हानी  के सिद्धांत पर निजी स्कूलों की फीस तय की जाए, स्कूल ड्रेस से मोनो की बाध्यता समाप्त की जाए। स्कूल बसों की दूरी के अनुसार शुल्क तय किया जाए सहित विभिन्न मांगों को रखा है। वहीं 15 दिवस के भीतर मांगे पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

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