जरा हटके

भारत की 10 सबसे डरावनी और भूतिया जगहें… |


भारत में कई जगह ऐसी भी हैं, जहां पर कई दर्दनाक मौते हुई हैं. जिसके बाद इन जगहों को भूतिया बताया जाने लगा. अगर आप भी रहस्यों और भूतिया कहानियों को जानने में दिलचस्पी रखते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए खास है. इस आर्टिकल में हम आपको भारत की 10 सबसे डरावनी और भूतिया जगहों के बारे में बता रहे हैं…

पिसावा के जंगल स्थानीय लोगों के अनुसार उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के देहात इलाके में एक ऐसी जगह भी हैं जिसके अंदर घुसने से पर्यटकों का कलेजा कांप जाता है। कारण बताया जाता है कि यहां सर्र-सर्र आवाज आती रहती है और रात में काला-काला पर्दा सा छा जाता है। इतना ही नहीं छाता तहसील के इस पिसावा नामक गांव के पास यह स्थान तरह-तरह के पेडों-हींस-करील और जीवों का बसेरा भी है। यहां हजारों की संख्या में बन्दर रहते हैं

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पुराणों में लिखा गया है कि महाभारत में जब युद्ध खत्म हो गया था तो आचार्य द्रोण के महाबलशाली पुत्र अश्ववस्थामा पांण्डवों की जय के बाद से जिन झाड़ियों में प्रवेश कर गए थे वे ये ही हैं। घुमावदार जंगल के इस स्थान पर शनिवार को यज्ञ होता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां परिक्रमा के लिए आते हैं । बच्चे-बूढे़ और महिलाएं तो रोज ही मिल जाएंगे लेकिन वे भी इन झाड़ियों के भीतर नहीं जाते। आप यदि परिक्रमा या पूजन के लिए जाना चाहते हैं तो वाहन चलते हैं लेकिन यहां के प्रशासन और पदाधिकारियों ने अनदेखी कर इसकी प्रसिद्धी को अनजाना बना दिया है।मान्यता है कि पिसावा के पास ‘झाडी वाले बाबा’ जंगल से कोई लकडी लेकर बेच नहीं सकता, घर नहीं ले जा सकता। ये बात यहां का हर व्यक्ति जानता है। यदि भूलवश कोई ले जाने की कोशिश करता है तो उसका बुरा होता है।

एक ग्रामीण ने हमें बताया कि एक बार एक घमंडी दंबग यहां से पेडों को काटकर बेचने चला था, उसके पशु मर गए थे और वृक्ष काटने वाले आदमी नांक से खूंन फेंककर भाग खड़े हुए थे। तभी से यह बात पुष्ट हो गई कि यहां से कोई लकड़ी नहीं ले जा सकता।

हां, यदि आप आस्था कार्यों जैसे पुण्य-प्रसादी और भण्डारा करते हैं तो और भला होगा यहां की लकड़ी लेकर।डेंजर इलाके में नहीं जा सकतेयहां आसपास कई पुराने खण्डहर हैं, जो पता नहीं किसने बनाए हैं। कोई अकेला व्यक्ति तो जाना दूर यहां आए लोग भी ऐसे इलाके में नहीं जाते हैं। इसके कारण खतरनाक कीट-पतंगे या ऊपरी बवाल का होना हो सकता है यह तो वहां जाने से ही स्पष्ट हो सकता है।



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