inh24छत्तीसगढ़

गरियाबंद – पंचायत की अनुदान राशि में गड़बड़ी का मामला, ग्राम विकास की लाखो रुपये फर्जी बिल व्हाउचर से आहरण कर खा गए सरपंच

गिरीश गुप्ता गरियाबंद – जिला मुख्यालय गरियाबंद अन्तर्गत आदिवासी विकासखंड छुरा के ग्राम पंचायत मुरमुरा में ग्राम विकास के लिए शासन द्वारा प्रदत्त धन को वित्तीय वर्ष 2019-20 के मार्च महीना में ग्राम प्रधान दसोदा बाई ध्रुव व सचिव ने बिना पंचो की जानकारी व बिना प्रस्ताव में लिए गुपचुप तरीके से लाखो रुपए की राशि फर्जी बिल व्हाउचर से आहरण कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने का सनसनी खेज खुलासा हुआ है।

उल्लेखनीय है कि ग्राम प्रधान द्वारा वर्ष 2019-20 मार्च महीना में ग्राम विकास के चौदहवीं वित्त की राशि को ग्राम पंचायत के पचों को बिना जानकारी के प्रस्ताव में लाए 26-3-2020 को 45,440 रुपए हीरा होटल एवं भोजनालय पांडुका,26-3-2020 को वैभव फल एवं जूस सेंटर को 26,001 रुपए खर्च किया गया है ।इसी प्रकार 26-3-2020 को गुरुदेव ट्रेडर्स एवं हार्डवेयर को 52,325 रुपए ,26-3-2020 को योगी क्लाथ सेंटर पांडुका को 13,525 रुपए,26-3-2020 को गंगा एजेंसी 18,190 रुपए ,26-3-2020 को ढालू राम साहू मटेरियल सप्लायर मुरमुरा को 48,735 रुपए व उसी दिनांक को 52,140 रुपए भुगतान ढालु राम साहू मटेरियल सप्लायर मुरमुरा को किया गया है।

वहीं 26-3-2020 को 12,000 रुपए एवं 27-10-2020 को 19,000 रुपए ओमप्रकाश साहू को वाहन किराया भुगतान और 26-3-2020 को सुरेश बुक डिपो एवम् जनरल स्टोर पांडुका को 6,310 रुपए भुगतान किया गया है ।सरपंच व सचिव द्वारा शासन को कितनी आर्थिक क्षति पहुंचाए है जबकि मार्च महीना में न कोई काम और न ही कोई खर्च की गई है ।इसका जीता जागता उदाहरण सामने है।

Read Also – अपनी ही नाबालिग बेटी को छुप के नहाते देखता था बाप, मां से की शिकायत तो पीटा बुरी तरह, बाप बेटी का रिश्ता हुवा कलंकित

गौरतलब है की शासन की मंशा रही है कि ग्राम विकास का पैसा गांव विकास में खर्च कर योजनाओं के माध्यम से क्रियान्वयन किया जावें ।परंतु ग्राम पंचायत मुरमुरा में प्रधानमंत्री की न खाऊंगा और न खाने दूंगा की नीति इसके उलट चरितार्थ हो रहा है।ग्राम पंचायत मुरमुरा के सरपंच सचिव द्वारा सारे कानून कायदे व नियमो को ठेंगा दिखाते हुए एक ही महीने में एक ही दिन में लगभग चार लाख रुपए राशि को फर्जी बिल के माध्यम से डकार गए।

ग्राम पंचायत मुरमुरा की सरपंच अपने दबंगई पूर्ण व्यवहार से जाने जाती है और शुरु से ही भ्रष्टाचार में संलिप्त है।कुछ क्षेत्र के छुटभैया नेताओं के संरक्षण की वजह से उक्त महिला सरपंच दबंगई करने से बाज नहीं आते। यहा तक की इनके खिलाफ आवाज उठाने और समाचार छापने वाले पत्रकारों पर भी झूठी शिकायत करने से भी गुरेज नहीं करते है।इसके हौसले इतने बुलंद है कि सरकार द्वारा विकास के लिए दिए राशि को एक ही महीना में बंदरबाट कर लिए।

Read Also – ढ़ाई लाख के गांजा के साथ तस्कर गिरफ्तार, सूरजपुर पुलिस ने की बड़ी कार्यवाही

प्रत्येक ग्राम पंचायत में सरपंच और उपसरपंच एक महत्वपूर्ण पद है।लेकिन ग्राम पंचायत मुरमुरा में इन दोनों को आवाम से कोई सरोकार नहीं है।जनता ने इन जनप्रधिनियो को जिस उम्मीद के साथ चुनाव में अपने प्रतिनिधित्व चुना है वह भी शर्म से बेशर्म हो रहा है।परंतु ये जनप्रतिनिधियों भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगाने में कोई परहेज नहीं कर रहे है।

बता दें कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में मार्च के एक ही महीना में जब बिना प्रस्ताव व जानकारी के लाखो खर्चा कर सकता है ,तब वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभिन्न मदो की राशि की जांच कराने ग्राम पंचायत मुरमुरा की पंच श्रीमती सत्यभामा साहू ने ई ग्राम स्वराज पोर्टल से प्राप्त जानकारी की छायाप्रति के साथ अनुविभागीय अधिकारी व मुख्य कार्यपालन अधिकारी से लिखित शिकायत जांच की मांग की है।

Read Also – छत्तीसगढ़ – ट्रक का टायर फटने से भीषण हादसा, ट्रक जोक नदी में गिरा नीचे, बड़े हादसे को निमंत्रण देती नदी की रेलिंग

क्या है पंचायती राज अधिनियम

छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम की धारा 36 के तहत पंचायत के पदाधिकारी को कानून के विपरित कार्य करना और जनता की भलाई न करना धारा 89,89 क के तहत पंचायत के धन को हानि पहुंचाना या धन का दुरुपयोग करने पर अयोग्य पाये जाने पर हटाया जा सकता है।

डिजिटल इंडिया से ई ग्राम स्वराज की ओर

गरियाबंद जिले की ये पहली महिला पंच होगी जो डिजिटल इंडिया के माध्यम से ई ग्राम स्वराज के बारीकियों को जाना ,पहचाना।जिला प्रशासन द्वारा ब्लाक स्तर पर पंचायती राज्य व्यवस्था के तहत पंचगनो को ई ग्राम स्वराज पोर्टल की प्रशिक्षण दे ,तब पंचायतों में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोके जाने में जिला प्रशासन के लिए अभिनव महत्त्वाकांक्षी योजना साबित होगा।

सत्य मेव जयते भ्रष्टाचार के खिलाफ महिला पंच की शिकायते

इस बाबत ग्राम पंचायत मुरमुरा की पंच सत्यभामा साहू ने कही कि गांव की हमारी महिला पंचों ने ई ग्राम स्वराज पोर्टल से ऑनलाइन पेमेंट स्टेटमेंट रिपोर्ट की जानकारी बताई ,तब ये चार महिलाएं पंच ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी छुरा से शिकायत कर जांच करवाने की सोची ।परंतु ये महिला पंच क्या सोची , वो वहीं जाने।मेरे मन में भाव जागा सत्य मेव जयते और ठान ली , चली गई शिकायत दर्ज कराने।जिस तरह से एक महिला पंच ने जागरूकता का परिचय देते हुए ऑनलाइन पोर्टल से जानकारी लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है ,वो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ हैं।

Related Articles

Back to top button