धमतरी – नगरी थाना क्षेत्र के डीहीपारा निवासी एक व्यक्ति को अनजान व्यक्ति का कॉल आया। उसने खुद को एसबीआई ऑफिस दिल्ली का अधिकारी बताया और कहा कि आपके डेबिट कार्ड का वेरिफिकेशन करना है, इसलिए कार्ड का नंबर बताएं। लेकिन बिसालीराम ने उसे कार्ड का नंबर नहीं बताया। इसके बाद दो माह तक वह व्यक्ति कॉल करता रहा।
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रिस्पांस नहीं मिलने पर उसने बाद में सहायक कार्ड बनाने का झांसा दिया और कहा कि इसमें 5 हजार रुपए खर्च आएगा। इसे भी नजरअंदाज करने के बावजूद उसने फोन कर कहा कि आपका सहायक कार्ड बनाना है, पूर्व में जितना पैसा कटा है वह वापस आ जाएगा। इसके लिए कार्ड के 12 अंकों को बताना होगा।
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इस पर विश्वास कर बिसालीराम ने उसे 12 में से शुरू के 8 अंक बता दिए। बाकी चार अंक छोड़ दिए। 3 दिन बाद उसने फिर से काल कर बैंक पासबुक का सीआईएफ नंबर बताने कहा। इसके बाद दूसरे दिन फिर फोन कर ओटीपी पूछा। बीते 21 सितंबर को उसके मोबाइल पर दूसरा ओटीपी नंबर आया।
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इसके बाद जब उसने एसबीआई के एटीएम में जाकर अपना खाता चेक किया, तब तक सवा लाख रुपए पार हो चुके थे। नगरी थानेदार विनय पम्मार ने बताया कि ऑनलाइन ठगी और पैसा आहरण के मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा 420 और 66डी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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