रायगढ़ – गुरूवार को कोतरा रोड थाना क्षेत्र के भगवानपुर में एक सात साल की बच्ची का शव कब्र से बाहर निकाला गया।पुलिस की निगरानी में यह काम हुआ। शव निकालने के बाद उसका पीएम कराने के लिए अस्पताल भेज दी गई है। ऐसा क्यों हुआ, आखिर वो क्या वजह थी जिसके कारण कब्र में दफनाई गई लाश को बाहर निकालना पडा।
पूरा मामला कोरोना संक्रमण काल और लॉकडाउन से जुड़ा है। मिली जानकारी के मुताबिक भगवानपुर निवासी दुकालू दास महंत पूर्व में भगवानपुर में रहता था और जिंदल में नौकरी करता था। साल 2013 में ओडिसा के अंगुल स्थित जिंदल प्लांट में फीटर काम करने के लिए चला गया। उसके दो पुत्र आशीष,अरूण हैं। जबकि एक पुत्री खुशी थी।
होली के समय पुत्री खुशी को वह अपनी सास अमरी का बाई व साला विशाल दास महंत के पास छोड़कर अंगुल चला गया। लॉक डाउन के कारण उसे ले जा नहीं पाए लेकिन इस बीच बच्ची से फोन में बातचीत होती रहती थी।इसी दरमियान 9 जुलाई को उसके साले विशाल दास ने फोन कर बेटी को ले जाने के लिए कहा जिस पर उसने लॉक डाउन खुलते ही ले जाने की बात कही। उसने पुत्री से बात कराने के लिए भी कहा लेकिन उससे बात नहीं कराया।
उसके दूसरे दिन 10 जुलाई को सुबह करीब 6 बजे उसके बडे साले सुमरन दास ने फोनकर बताया कि उसकी बेटी गुजर गई। यह सुनते ही दुकालू दास महंत उसी दिन शाम 6 बजे भगवानपुर पहुंचा। जहां उसने देखा कि उसकी पुत्री बर्फ में पड़ी थी। उसने सास और साले से मौत का कारण पूछा तो बर्तन लाते समय जमीन में गिरने से मौत होना बता दिए।सास और साले ने बताया कि डॉक्टर को बुलाकर भी दिखाए थे जिसके बाद रात होने के कारण सबकी सलाह से बच्ची का कफन-दफन कर दिया गया।
जिसके बाद बच्ची की एका एक मौत से बाप को संदेह हुई। लोगों से पूछताछ कर वह बच्ची को देखने आए जांजगीर सोनसरी के डॉक्टर से भी मिला। डॉक्टर से उसे काफी कुछ जानकारी मिली जिसके बाद उसका शक बढ़ गया कि बच्ची की मौत सामान्य नहीं है, बल्कि उसकी हत्या हुई है।मूल गांव सोनसरी में क्रियाकर्म करने के बाद 18 जुलाई को वह भगवानपुर रायगढ़ आया जहां उसे बच्ची की मौत से जुड़ी और जानकारी हाथ लगी। इसके बाद वह कोतरारोड थाने में शिकायत लेकर पहुंच गया। शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए आज बच्ची के शव को कब्र से बाहर निकाल लिया है।




