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कलेक्टर ने बैठक में स्पष्ट किया कि ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार,मोची, नाई,धोबी, पुरोहित जैसे पौनी पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक भी पात्र होंगे यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है। भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार से आशय उसकी पत्नी या पति, संतान तथा उन पर आश्रित माता-पिता से है, जिसका कोई भी सदस्य कृषि भूमि धारण नहीं करता है। कृषि भूमि धारण नहीं करने का आशय अंशमात्र भी कृषि भूमि नहीं होना चाहिए। कृषि भूमिहीन परिवारों की सूची में से परिवार के मुखिया के माता या पिता के नाम से यदि कृषि भूमि है अर्थात उस परिवार को उत्तराधिकार हक में भूमि प्राप्त करने की स्थिति होगी, तब वह पात्र परिवार की सूची से पृथक हो जायेगा। आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जायेगी। मजदूर परिवारों को राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
योजना के अंतर्गत 1 सितम्बर से 30 नवम्बर तक ग्राम पंचायतों में आवेदन लिये जाएंगे। प्रत्येक ग्राम पंचायत में भुईयां रिकार्ड के आधार पर बी-वन की प्रतिलिपि चस्पा की जायेगी ताकि भू-धारी परिवारों की पहचान स्पष्ट हो सके। इच्छुक आवेदक को आवेदन के साथ आधार नम्बर, बैंक पासबुक की छायाप्रति, मोबाईल नम्बर के साथ प्रस्तुत करना होगा। आवेदन की प्रविष्टि जनपद पंचायत स्तर पोर्टल में की जायेगी। तहसीलदार द्वारा इस सूची का सत्यापन किया जायेगा। इसके बाद यह सूची दावा एवं आपत्ति के लिए संबंधित ग्राम पंचायत की ग्राम सभा में रखा जायेगा और दावा आपत्ति के निराकरण के बाद सूची को अंतिम माना जायेगा।