
सोनुकेदार अम्बिकापुर – क्षेत्र के विकास में भ्रष्टाचार एक दिमक की तरह है जिसकी वजह सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं धरातल पर फेल हो जाती हैं… सरगुजा जिले के मैनपाट विकास खंड में भ्रष्टाचार का ऐसा ही एक मामला सामने आया है… जहां नव निर्माण पुलिया करप्शन की भेंट चढ़ रहा है।
छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले मैनपाट को सरकार एक ओर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कवायद कर रही है… वहीं नव निर्माण कार्य में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिली-भगत से विकास कार्यों में पलीता लगा रहे है। मामला डांगबुड़ा ग्राम पंचायत का है जहाँ पुलिया निर्माण में जम कर भरस्टाचार किया जा रहा है। मजदूर के मुताबिक चल रहे निर्माण कार्य में निरक्षण करने कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नही आया। जिसके कारण निर्माण कार्य में घटिया मेटेरियल लगाया गया। निर्माण कार्य मे ठेकेदार किस तरह मनमानी कर रहे है यह स्थानीय ग्रामीण बताते हैं।
सरकार गांव में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए विकास कार्य करती है लेकिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की सांठगांठ विकास कार्य में करप्शन कर बंदरबांट कर देते हैं इसका सीधा प्रमाण ग्राम पंचायत डाँगबुड़ा में देखने को मिला। ग्रामीणों का कहना है कि जहाँ पुलिया बनने की स्वीकृति हुई थी वहां न बनकर ऐसी जगह बनाया जा रहा है जिसका उपयोग ही नही है। निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा था जिसका ग्रामीणों ने विरोध करते हुये काम बंद करा दिया लेकिन दबंग ठेकेदार ने रातों रात काम पूरा कर दिया। सरपंच के मुताबिक कमीशन लेकर निर्माण कार्य सीतापुर के रसूकदार ठेकेदार को दे दिया है।
प्रदेश सरकार गांव गांव विकास करने के लिए लाख प्रयास करें लेकिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिली-भगत से करप्शन फल फूल रहा है। बहरहाल इस मामले के सामने आने के बाद देखना होगा कि आला अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं या इसी तरह करप्शन का खेल चलता रहेगा और शासन के पैसों का बंदर बाट चलता रहेगा।



